एयर रेड वार्निंग सायरनों का संचालन आपको करेगा सतर्क, क्रैश ब्लैकआउट जैसे अभ्यास भी होते हैं मॉकड्रिल में
भारत-पाक युद्ध की तैयारी जैसे हालातों के लिए कटनी में होगा मॉक ड्रिल, गृह मंत्रालय के निर्देश पर प्रशासन सतर्क

7 मई, बुधवार को सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल की जाएगी। इसके जरिए आम लोगों को बताया जाएगा कि पाकिस्तान की ओर से हवाई या किसी भी तरह का हमला होने पर खुद को कैसे बचाना है।
युद्ध जैसी आपात स्थितियों से निपटने की तैयारी के तहत मध्यप्रदेश के कटनी जिले में मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। गृह मंत्रालय के निर्देश पर इस अभ्यास की रूपरेखा तैयार की जा रही है, जिसमें विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों और प्रशासनिक इकाइयों की सहभागिता रहेगी।
7 मई को देश के 244 जिलों में क्या होगा आइए जानते हैं
- सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल के फैसला लिए जाने के अगले दिन मंगलवार को दिल्ली में बैठकों का दौर जारी रहा। गृह मंत्रालय की बैठक के बाद राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के एक सदस्य ने कहा कि हम तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं। सुधार की जाने वाली खामियों की पहचान कर ली गई है।
- अधिकारियों के मुताबिक, 7 मई को देश के विभिन्न भागों में हवाई हमले के सायरन बजेंगे। 1971 के बाद से अपनी तरह का यह पहला अभ्यास है, जिसका आदेश केंद्र सरकार ने दिया है।
- अभ्यास के दौरान हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन सक्रिय किए जाएंगे, और नागरिकों और छात्रों को हमले की स्थिति में खुद को बचाने के लिए नागरिक सुरक्षा में प्रशिक्षित किया जाएगा।
- इसके अन्य उपायों में क्रैश ब्लैकआउट, महत्वपूर्ण संयंत्रों और प्रतिष्ठानों को समय से पहले छिपाने और बचाव के अन्य उपाय का पूर्वाभ्यास शामिल हैं। इस तरह का अंतिम अभ्यास 1971 में आयोजित किया गया था, जिस वर्ष दोनों देशों के बीच युद्ध हुआ था।
यह मॉक ड्रिल 1971 युद्ध के बाद पहली बार इस स्तर पर आयोजित की जा रही है। इसका उद्देश्य नागरिकों को आपातकालीन हालात में सुरक्षा उपायों की जानकारी देना और प्रशासनिक तैयारियों की समीक्षा करना है।
कटनी प्रशासन इस अभ्यास को लेकर सतर्क है और सभी जरूरी विभागों को अलर्ट कर दिया गया है। इस दौरान लोगों को बताया जाएगा कि युद्ध या अन्य आपदा की स्थिति में उन्हें कैसे सुरक्षित रहना है, कहां शरण लेनी है, और किन सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करना है।
एयर रेड वार्निंग सायरनों का संचालन
मॉक ड्रिल के तहत एयर रेड वार्निंग सायरनों का संचालन होगा. यह बड़े खतरे और दुश्मन की गतिविधियों को लेकर अलर्ट जारी करने से जुड़ा कदम है. नागरिकों और छात्रों को संभावित हमलों की स्थिति में खुद को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक नागरिक सुरक्षा तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा. क्रैश ब्लैकआउट की व्यवस्था की जाएगी. इसके तहत दुश्मन की हवाई निगरानी या हमले से शहरों और ढांचों को छिपाने के लिए आपातकालीन प्रोटोकॉल लागू किया जाएगा. कुल 244 शहरों में मॉक ड्रिल होगी. चलिए कल यानी 7 मई को किन-किन जिलों में युद्ध वाले सायरन बजेंगे और मॉक ड्रिल होगी.
MP के पांच जिलों में मॉक ड्रिल होगा
मध्य प्रदेश के पांच जिलों में मॉक ड्रिल होगा, जिसमें भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, कटनी और इंदौर शामिल है. जबकि राजस्थान के जोधपुर, कोटा, उदयपुर, सीकर, नागौर, भरतपुर, बीकानेर, बूंदी, गंगानगर, हनुमानगढ़, जयपुर में मॉक ड्रिल होगा.
देश के कुल 244 जिलों में मॉकड्रिल किया जाएगा. जिसमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के भी जिले शामिल हैं. उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद, बुलंदशहर, गाजियाबाद, गोरखपुर, सहारनपुर, वाराणसी, चंदौली, आगरा, बरेली, कानपुर, लखनऊ, मथुरा, मेरठ, झांसी और प्रयागराज सहित अन्य जिलों में मॉकड्रिल किया जाएगा.
यहां होगा मॉकड्रिल
वहीं मध्य प्रदेश के पांच जिलों में मॉक ड्रिल होगा, जिसमें भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, कटनी और इंदौर शामिल है. जबकि राजस्थान के जोधपुर, कोटा, उदयपुर, सीकर, नागौर, भरतपुर, बीकानेर, बूंदी, गंगानगर, हनुमानगढ़, जयपुर और छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में मॉक ड्रिल होगा. वहीं उत्तराखंड के देहरादून में भी मॉक ड्रिल होगी.
यूपी डीजीपी ने जारी किया निर्देश
यूपी के डीजीपी ने मॉक ड्रिल को लेकर निर्देश जारी कर दिया है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा के साथ मॉकड्रिल की जाए और लोगों के साथ तालमेल बैठाया जाए. मॉकड्रिल को लेकर मेरठ में सिविल डिफेंस की बैठक हुई, जिसमें किस तरह आम जनता को आपातकालीन स्थिति में सुरक्षित रहने की जानकारी दी जाएगी.
शहर भर में सिविल डिफेंस के लोग नागरिकों को प्रशिक्षित करेंगे. दमकल, पुलिस, चिकित्सा, फ़ूड सप्लाई चेन, सिविल डिफेंस सभी से कोऑर्डिनेट किया गया है. साथ ही जनता से अपील की गई है कि यह केवल एक मॉक ड्रिल है, यानी कि तैयारियां हैं, किसी भी सूरत में डरना नहीं है. लेकिन जब भी सायरन बजे तो अपने परिवार को सुरक्षित स्थान पर ले जाएं. सिविल डिफेंस के जवान लोगो को जागरूक करेंगे. स्थाई सायरन व चल सायरन शहर बज सकते हैं।