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फर्जी अतिथि शिक्षकों और मजदूरों के नाम पर 2 करोड़ 60 लाख रुपए वेतन का आहरण अपने रिश्तेदारों के खातों में करा दिया

उमरिया। फर्जी अतिथि शिक्षकों और मजदूरों के नाम पर 2 करोड़ 60 लाख रुपए (अभी तक की जानकारी में) वेतन का आहरण
शासकीय राशि के गबन का बड़ा मामला उजागर हुआ है। यह मामला जनजातीय कार्य विभाग का है। जिले के आदिवासी ब्लॉक पाली में जिम्मेदार अफसरों ने यह कारनामा किया है।
अफसरों ने फर्जी अतिथि शिक्षकों और मजदूरों के नाम पर 2 करोड़ 60 लाख रुपए (अभी तक की जानकारी में) वेतन का आहरण अपने रिश्तेदारों के खातों में करा दिया। मामले का खुलासा आयुक्त कोष एवं लेखा की निगरानी में हुआ।
- भोपाल में बैठे अफसरों ने पाली ब्लॉक में 24 ऐसे संदिग्ध खातों को पकड़ा है और उनकी सूची भी भेजी है। पूरा कारनामा पाली ब्लॉक में पदस्थ माध्यमिक शिक्षक रामबिहारी पाण्डेय, लिपिक अशोक कुमार धनखड़ और कंप्यूटर ऑपरेटर बालेंद्र द्विवेदी ने किया है। हालांकि जांच में विभाग के और अधिकारियों के नाम भी सामने आयेंगे।
- कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन ने पाली ब्लॉक के एसडीएम अंबिकेश प्रताप सिंह को मामले की जांच सौंपी है। एसडीएम और सहायक कोषालय अधिकारी की टीम शनिवार को पाली स्थित जनजातीय कार्य विभाग के ब्लाक शिक्षा अधिकारी राणा प्रताप सिंह के दफ्तर पहुंची है और दस्तावेजो का परीक्षण कर मामले की जांच की जा रही है।
2018 से चल रहा था खेल
- जन जातीय कार्य विभाग के पाली ब्लाक में हुई गड़बड़ी का खुलासा आयुक्त कोष एवं लेखा की फाइनेंशियल इंटेलिजेंस कमेटी ने किया है। कमेटी को 24 खातो मे संदेह हुआ और उसके बाद पता चला कि ये सभी 24 खाते जिम्मेदार अफसरों के परिवार के है।
- बता दें पूरा खेल 2018 से लेकर 2023 के बीच खेला गया है। इस पूरे मामले में विभाग के बीईओ राणा प्रताप सिंह से लेकर अन्य अधिकारियो के संलिप्त होने की पूरी आशंका है और जांच के बाद इसमे गड़बड़ी की राशि और अधिक होने की संभावना जताई जा रही है।
होगी एफआईआर
- विभागीय सूत्रों के अनुसार जांच करने पहुंची टीम ने पहले तो खंड शिक्षा अधिकारी राणा प्रताप सिंह से पूछताछ की और उसके बाद 2018 से लेकर 2023 के मध्य हुए वित्तीय लेन देन से संबंधित रजिस्टर एवं अन्य दस्तावेजों को जप्त कर लिया है।