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गंगा नहीं आई, तो घर में खोद डाला कुआं! कर्नाटक की गौरी नाइक की अनोखी कहानी

गंगा नहीं आई, तो घर में खोद डाला कुआं! कर्नाटक की गौरी नाइक की अनोखी कहानी

गंगा नहीं आई, तो घर में खोद डाला कुआं! कर्नाटक की गौरी नाइक की अनोखी कहानी।गंगा नहीं आई, तो घर में खोद डाला कुआं! कर्नाटक की गौरी नाइक की अनोखी कहानी।कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में रहने वाली गौरी नाइक एक बार फिर सुर्खियों में हैं. गौरी महाकुंभ में डुबकी लगाना चाहती थी, लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वह इतना भी खर्च उठा पाएं. ऐसे में उन्होंने तय कर लिया कि अब गंगा खुद चलकर उनके घर आएंगी. इसी फैसले के तहत गौरी ने अपने घर के पिछवाड़े 40 फीट का कुआं खोद डाला. अब वह इस कुएं में भरे पानी (गंगा) में महाशिवरात्रि के दिन स्नान करेंगी. उनके इस प्रयास की देश भर में खूब सराहना हो रही है.

उत्तर कन्नड़ में सिरसी गांव की रहने वाली 57 वर्षीय गौरी नाइक अपनी अकेले की मेहनत से पहले भी तीन कुएं खोद चुकी हैं. गौरी से इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि महाकुंभ में जाने के लिए भाग्यशाली होना जरूरी है. वह इतनी भाग्यशाली नहीं हैं. उनके पास थोड़ी सी खेती की जमीन है. इससे उन्हें इतनी आमदनी नहीं होती कि वह महाकुंभ जाने का खर्च वहन कर सकें. इसलिए उन्होंने अपने घर के पिछवाड़े ही कुआं खोद कर गंगा को निकाल दिया है.गौरी ने बताया कि लगभग 40 फीट गहरा कुआं खोदा है और इस कुएं में पानी की धार भी फूट पड़ी है.

महाशिवरात्रि के दिन करेंगी पवित्र स्नान

इस समय कुएं में पर्याप्त पानी है. कहा कि उनके कुएं में गंगा जी आ गईं हैं, लेकिन वह महाशिवरात्रि के दिन ही पवित्र स्नान करेंगी. गौरी नाइक ने बताया कि उन्हें दिसंबर में महाकुंभ के बारे में पता चला. यहां से कई लोग महाकुंभ स्नान के लिए गए भी, लेकिन उनके पास इतने पैसे नहीं कि वह महाकुंभ तक जा सकें. उसी दिन उन्हें विचार आया कि क्यों ना गंगा को ही अपने घर बुला लिया जाए.इसी सोच के तहत उन्होंने तत्काल कुआं खोदना शुरू किया और करीब दो महीने की मेहनत से उन्होंने 40 फीट गहरा कुआं खोद लिया है.

रोज 6 से 8 घंंटे की मेहनत से खोदा कुआं

पड़ोसियों के मुताबिक गौरी रोज 6 से 8 घंटे तक मिट्टी खोदने का काम करती थीं. इससे पहले गौरी ने अपनी मेहनत के दम पर 3 और कुएं खोदे हैं. इसमें पहला कुआं उन्होंने अपने खेत में सिंचाई के लिए खोदा था. वहीं दूसरा कुआं अपने गांव में लोगों की प्यास बुझाने के लिए और तीसरा गणेश नगर आंगनवाड़ी स्कूल के लिए खोदा. हालांकि गणेश नगर वाले कुएं की खुदाई को प्रशासन ने रो दिया था. बाद में स्थानीय सांसद अनंत कुमार हेगड़े के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने अपना काम पूरा किया.

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