कटनी। न्यायालय तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के.एन. अहिरवार द्वारा थाना कुठला के अपराध क्रमांक 363/2016, जघन्य एवं सनसनी खेज चिन्हित सत्र प्रकरण क्रमांक 44/2017 में अपनी पत्नी एवं दो बच्चों की हत्या करने वाले आरोपी अरशद हुसैन कुरैशी को तीनों हत्याओं के लिये पृथक-पृथक धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास एवं 2000/-2000/- रूपये के अर्थदण्ड से एवं हत्या को आत्महत्या का रूप देने के लिये धारा 201 भादवि में 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000/- रूपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई है।
प्रकरण में पैरवी विशेष लोक अभियोजक/जिला अभियोजन अधिकारी हनुमंत किशोर शर्मा एवं एजीपी जे.पी. चौधरी द्वारा की गई। इस संबंध में जानकारी देते हुए मीडिया सेल प्रभारी सुरेन्द्र कुमार गर्ग ने बताया कि 5 अक्टूबर.2016 को गोली लगने की सूचना पर थाना कुठला का पुलिस बल अहमद नगर पहुंचा, जहां आरोपी अरशद के मकान के अंदर उसकी पत्नी शमा परवीन फर्श पर चित्त हालत में मरी पड़ी थी और कमरे में पलंग पर 12 वर्षीय पुत्री जिया कुरैशी मरी पड़ी थी।
जिनके चेहरे से खून बह रहा था। 02 वर्ष का लडका अर्थ की गोली लगने के बाद भी सांस चल रही थी। जिसे इलाज हेतु अस्पताल भर्ती कराया गया था। जहां जीवन-मृत्यु से संघर्ष करते हुये घटना के लगभग 55 दिन बाद उसने भी दम तोड दिया।
पुलिस जब मौके पर पहुंची थी तो मृतिका शमा परवीन के मृत शरीर के ऊपर टेलीस्कोपिक रायफल रखी हुई थी और आरोपी अरशद हुसैन कुरैशी द्वारा यह बताया गया था कि दरवाजा अंदर से बंद था और अपनी पत्नी को आवाज देने पर दरवाजा नहीं खोलने पर उसके द्वारा दरवाजे को धक्का देकर खोला गया। पुलिस ने मृतिका शमा परवीन की शव की जांच पर पाया कि उसके माथे पर दो बुलेट इंज्यूरी जैसा कारित है।
मृतिका की पीएम रिपोर्ट में भी दो बुलेट चलने की पुष्टि हुई। पुलिस द्वारा गंभीरता से विवेचना करते हुये आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। अनुसंधान में यह तथ्य आया कि घरेलू विवाद एवं जायदाद के झगड़े के कारण आरोपी अरशद द्वारा 4 एवं 5 अक्टूबर 2016 की दरमियानी रात जब उसकी पत्नी शमा परवीन और पुत्री जिया कुरैशी एवं पुत्र अर्श कुरैशी गहरी नींद में सो रहे थे।
तब उनकी स्थिति का फायदा उठाकर आरोपी अरशद हुसैन कुरैशी द्वारा अपनी लाइसेंसी टेलीस्कोपिक रायफल से पत्नी शमा परवीन के माथे पर दो बार गोली चलाकर और पुत्री जिया कुरैशी तथा पुत्र अर्थ कुरैशी के माथे पर रायफल से गोली चलाकर उनकी हत्या कर दी गई। अपने द्वारा की गई हत्या को पत्नी शमा परवीन के द्वारा बच्चों की हत्या कर आत्महत्या का रूप देने के लिये साक्ष्य से छेडछाड की गई।
मौके पर पहुंची एफएसएल टीम एवं फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट आदि की मदद से पुलिस द्वारा प्रकरण में वैज्ञानिक साक्ष्य संकलित की गई और आरोपी के अंगुल चिंह, आदि का मिलान कराया गया। प्रकरण की विवेचना तत्कालिक थाना प्रभारी कुठला विपिन सिंह द्वारा की गई।
प्रकरण में विचारण के दौरान आरोपी द्वारा यह बचाव भी लिया गया कि वह सुबह से ही अपने मित्र के साथ प्रापर्टी के काम से गांव निकल गया था और दोपहर जब वापस लौटा तो उसने पत्नी और बच्चों के साथ घटा दर्दनाक मंजर देखा। जिसे अभियोजन द्वारा बनावटी प्रमाणित किया गया एवं विशेष लोक अभियोजक द्वारा न्यायालय के समक्ष समस्त सारवान साक्षी एवं दस्तावेज प्रस्तुत कर वैज्ञानिकों की रिपोर्ट का सहारा लेकर परिस्थितिजन्य साक्ष्य को प्रमाणित कर आरोपी के विरुद्ध अपराध सिद्ध किया गया।
आरोपी द्वारा घटना को योजनाबद्ध तरीके से घटना को अंजाम देते हुये साक्ष्यों को इस तरीके से गढ़ा था कि घटना आत्महत्या लगे किंतु विशेष लोक अभियोजक के तर्कों से सहमत होते हुये न्यायालय द्वारा आरोपी अरशद को अपनी पत्नी एवं दो बच्चों की हत्या एवं साक्ष्य विलोपन का दोषी पाया गया।
न्यायालय उक्त अपराध के लिये आरोपी को तीनों हत्याओं के लिये पृथक- पृथक धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास एवं 2000/-2000/- रूपये के अर्थदण्ड से एवं हत्या को आत्महत्या का रूप देने के लिये धारा 201 भादवि में 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000/- रूपये का अर्थदण्ड से दंडित किया गया।