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निराश्रित बकाया होने पर व्यापारियों को मिल रही मंडी पोर्टल बंद करने की धमकी, कृषि उपज मंडी समिति के मौखिक आदेश से व्यापारियों में आक्रोश

कटनी। कृषि उपज मंडी समिति के एक मौखिक आदेश से व्यापारियों में खासा आक्रोश है तथा व्यापारी कभी भी हड़ताल पर जाकर मंडी समिति के आदेश के विरूद्ध धरना प्रदर्शन व आंदोलन कर सकते हैं। मंडी में कारोबार करने वाले व्यापारियों ने बताया कि कृषि उपज मंडी समिति के द्धारा गतदिवस एक मौखिक आदेश जारी किया गया है कि जिस किसी व्यापारी के ऊपर 2016 के पूर्व निराश्रित बकाया राशि होगी, उसका मंडी पोर्टल 31 मार्च 2025 के बाद बंद कर दिया जाएगा और जिस किसी का भी इससे पहले का मंडी लाइसेंस एक्सपायर हो चुका है उनका भी मंडी पोर्टल चालू नहीं किया जाएगा। व्यापारियों का कहना है इस संबंध में मंडी समिति द्वारा न कोई निराश्रित डिमांड नोटिस दिया जा रहा है। केवल मौखिक बोला जा रहा है कि व्यापारी निराश्रित शुल्क जमा करें नहीं पोर्टल बंद कर दिया जाएगा जबकि कई व्यापारियों का न्यायालय द्वारा मंडी का निराश्रित डिमांड नोटिस खारिज कर दिया गया है। न्यायालय के आदेश के बावजूद ऐसे व्यापारियों को भी पोर्टल बंद करने की धमकी दी जा रही है। गौरतलब है कि पहले से ही व्यापारी राहर, चना, धान व मसूर में मंडी टैक्स से परेशान हैं। ऐसे में मंडी समिति के इस मौखिक आदेश से व्यापारी खासा आक्रोशित हैं तथा कभी भी लामबंद होकर मंडी समिति के इस मौखिक आदेश के विरूद्ध हड़ताल पर जा सकते हैं। कुछ व्यापारियों का यह भी आरोप है कि कई व्यापारियों का चार-पांच माह से लाइसेंस पेंडिंग है। उनका भी मंडी पोर्टल पूर्व में एक-एक महीने के लिए चालू किया गया था। अब मंडी अधिकारी द्वारा बोला जा रहा है कि जिस किसी व्यापारी के ऊपर मंडी निराश्रित शुल्क या अन्य कुछ भी बकाया होगा, उसका मंडी पोर्टल बंद कर दिया जाएगा। व्यापारियों का यह भी आरोप है कि इसी आधार पर सालो से अवैध वसूली की जा रही है। व्यापारियों ने कलेक्टर दिलीप कुमार यादव का ध्यान इस ओर आकर्षित कराते हुए समस्या के निराकरण की मांग की है।

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