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पुलिस की वर्दी में आए थे आतंकी, पहलगाम हमले को अंजाम देने के लिए रची थी गहरी साजिश; 3 दिन पहले लश्कर-ए-तैयबा ने कहा था- जिहाद जारी रहेगा

पुलिस की वर्दी में आए थे आतंकी, पहलगाम हमले को अंजाम देने के लिए रची थी गहरी साजिश; 3 दिन पहले लश्कर-ए-तैयबा ने कहा था- जिहाद जारी रहेगा

पुलिस की वर्दी में आए थे आतंकी, पहलगाम हमले को अंजाम देने के लिए रची थी गहरी साजिश; 3 दिन पहले लश्कर-ए-तैयबा ने कहा था- जिहाद जारी रहेगा, 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि आतंकी पुलिस की वर्दी पहनकर आए थे, ताकि सुरक्षा बलों की नजर से बच सकें और आसानी से पर्यटकों को निशाना बना सकें। हमले में एक पर्यटक की मौत हो गई, जबकि दर्जनभर लोग घायल हुए।

सूत्रों के मुताबिक, यह पूरी साजिश पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के रावलकोट में रची गई थी, जहां लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के शीर्ष कमांडरों ने बैठक की थी। इस हमले का मकसद भारत में दहशत फैलाना और अमरनाथ यात्रा से पहले माहौल को अस्थिर करना था।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. सूत्रों के अनुसार, इस हमले में 30 हिंदू पर्यटकों की मौत की आशंका जताई जा रही है. कई अन्य गंभीर रूप से घायल हैं. वहीं, 3 दिन पहले की एक घटना पर एक नजर डाले तो कहा जा सकता है कि इस हमले की बिसात 19 अप्रैल को रावलकोट में रची जा रही थी. यहां कुछ दिन पहले लश्कर-ए-तैयबा और जम्मू-कश्मीर यूनाइटेड मूवमेंट के आतंकियों की बैठक हुई थी.

पुलिस की वर्दी में आए थे आतंकी, पहलगाम हमले को अंजाम देने के लिए रची थी गहरी साजिश; 3 दिन पहले लश्कर-ए-तैयबा ने कहा था- जिहाद जारी रहेगा

रावलकोट की इस रैली में लश्कर कमांडर अबू मूसा ने मंच से खुलेआम भारत को धमकी दी थी. उसने कहा था कि जिहाद जारी रहेगा, कश्मीर में फिर बंदूकें गरजेंगी और सिर कटते रहेंगे. यह बयान अपने आप में भारत के खिलाफ खुले युद्ध की घोषणा जैसा था. यह वही अबू मूसा है जिसकी अगुवाई में घाटी में कई आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया है. यह बैठक मारे गए आतंकी आकिफ हलीम की याद में बुलाई गई थी, जिसे 17 मार्च 2025 को भारतीय सुरक्षाबलों ने कुपवाड़ा में मार गिराया था.

पुलिस की वर्दी में आए थे आतंकी
सुरक्षा सूत्रों की मानें तो पहलगाम हमले को अंजाम देने से पहले आतंकियों ने इलाके की कई बार रेकी की थी. इतना ही नहीं, घटना वाले दिन हमलावर पुलिस की वर्दी में आए ताकि किसी को उन पर शक न हो. उन्होंने टारगेट करके हिंदू पर्यटकों से नाम पूछ-पूछकर गोलियां मारीं. इस हमले का मकसद घाटी में डर का माहौल पैदा करना और पर्यटन उद्योग को नुकसान पहुंचाना है

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