कटनी। शहर हो या ग्रामीण क्षेत्र सभी जगह संचालित गौशाला व कांजी हाउस के हालात बद से बदतर हैं। सभी गौशाला व कांजी हाऊसों में न तो पशु चारा है और न ही पानी का इंतजाम है। जिसके कारण गौशाला व कांजी हाऊसों में बंद बेजुमान मवेशी भूख प्यास से तड़प रहे हैं।
वहीं वर्तमान में बारिश की वजह से अधिकांश गौशाला व कांजी हाऊसों का परिसर कीचड़ व दलदल में तब्दील हो चुका है। जिसके कारण बेजुबान मवेशी बैठ तक नहीं पा रहे हैं।
बेजुबान मवेशियों के साथ गौशाला व कांजी हाऊसों में अत्याचार हो रहा है लेकिन शासन, प्रशासन सहित पशु पालन विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। जिसके कारण जिले भर में संचालित गौशाला व कांजी हाऊसों में बेजुबान मवेशियों पर अत्याचार के मामले सामने आ रहे हैं।
ऐसी ही एक वाक्या कटनी जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत सिमरा में संचालित कांजी हाऊस का प्रकाश में आया है। जहां कीचड़ व दलदल से सने परिसर में बेजुबान मवेशी को बंद कर रखा गया है।
यहां न पशु चारा है और न पानी। जिसके कारण खड़े-खड़े मवेशी भूख व प्यास से तड़प-तड़प कर शासन व प्रशासन की व्यवस्था को कोस रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कांजी हाऊस में दिनभर ताला बंद रहता है।
गोवंश बीमार हो जाए तो कोई पूछने वाला नहीं। बीमार जानवरों के इलाज की जहमत पशु चिकित्सक नहीं उठाते। साफ. सफाई तो होती ही नहीं है। बरसात में पूरे परिसर में गंदगी पसरी रहती है। इसी में गोवंश रहते हैं और बीमार हो जाते हैं। इसके बावजूद जिम्मेदारों की कुंभकर्णी नींद टूट नहीं रही है।