जोरावर टैंक का सफल परीक्षण: चीन की सीमा पर सेना की ताकत होगी डबल

जोरावर टैंक का सफल परीक्षण: चीन की सीमा पर सेना की ताकत होगी बढ़ी, चीनी सीमा पर सेना की ताकत बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ी पहल की है। भारत ने शुक्रवार को हल्के टैंक जोरावर का ऑटोमोटिव परीक्षण किया। यह परीक्षण पूरी तरह से सफल रहा। यह बहुउद्देशीय टैंकर चीनी सीमा पर सेना की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए बनाया गया है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक परीक्षण के दौरान टैंक ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। रेगिस्तानी इलाके में परीक्षण के दौरान जोरावर ने कुशलतापूर्वक सभी लक्ष्य भेद दिए। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और एलएंडटी डिफेंस 25 टन वजनी टैंक का निर्माण किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय हल्के टैंक के सफल परीक्षणों को महत्वपूर्ण रक्षा प्रणालियों और प्रौद्योगिकियों में भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में मील का पत्थर बताया।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि पूर्वी लद्दाख में गलवां घाटी में हुई झड़पों के बाद से सेना ने अपनी ताकत बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। जोरावर को भी इसलिए तैयार किया गया है। भारतीय सेना चीन सीमा पर 350 से अधिक हल्के टैंकों की तैनाती की तैयारी कर रही है। इनमें से अधिकतर को पहाड़ी सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा। जोरावर टैंक की तुलना इसी श्रेणी में बनाए गए चीन के टैंकों से की जा रही है। जोरावर की तैनाती से चीन सीमा पर तैनात भारतीय लड़ाकों की चपलता, गतिशीलता और परिचालन क्षमता में इजाफा हो जाएगा।
मंत्रालय ने कहा कि जोरावर टैंक के अधिकांश उपकरण देश में ही बने हैं। सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) सहित कई भारतीय उद्योगों ने इसके विकास में योगदान दिया है। यह देश में स्वदेशी रक्षा विनिर्माण क्षमताओं की ताकत का अच्छा उदाहरण है।
सरकार ने चीन के जेड-15 ‘ब्लैक पैंथर’ का मुकाबला करने के लिए प्रोजेक्ट जोरावर के तहत लगभग 17,500 करोड़ रुपये की लागत से 354 स्वदेशी लाइट टैंक सेना के बेड़े में शामिल किए जाएंगे। ये टैंक हाई एल्टीट्यूड इलाकों में होने वाले युद्ध के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। जोरावर टैंक में भारत-फोर्ज की बनाई 105 मिमी की तोप लगाई जा सकती है।