हाई वोल्टेज ड्रामा: शासकीय अधिवक्ता पर भ्रष्टाचार का आरोप, क्या है सच्चाई?
हाई वोल्टेज ड्रामा: शासकीय अधिवक्ता पर भ्रष्टाचार का आरोप, क्या है सच्चाई?
हाई वोल्टेज ड्रामा: शासकीय अधिवक्ता पर भ्रष्टाचार का आरोप हैै। शासकीय अधिवक्ता पर आरोप है कि उन्होंने शिकायतकर्ता से 12 सितंबर को सुनवाई से पहले एक लाख रुपये की मांग की थी। इसके एवज में उन्होंने शासन का पक्ष कमजोर कर पेश करने की बात कही। जब शिकायतकर्ता ने इसे अस्वीकार कर दिया तो शासकीय अधिवक्ता नाराज हो गए।
हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में एक हाई वोल्टेज ड्रामा सामने आया है। यहां कोर्ट में प्रेक्टिस करने वाले एक अधिवक्ता रविंद्र गुर्जर ने शासन का पक्ष रखने वाले अधिवक्ता बीपी सिंह पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही अधिवक्ता रविंद्र ने हाई कोर्ट की मुख्य खंडपीठ जबलपुर के कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति को भी इस मामले में लिखित शिकायत भेज दी है।
शासकीय अधिवक्ता पर आरोप है कि उन्होंने शिकायतकर्ता से 12 सितंबर को सुनवाई से पहले एक लाख रुपये की मांग की थी। इसके एवज में उन्होंने शासन का पक्ष कमजोर कर पेश करने की बात कही। जब शिकायतकर्ता ने इसे अस्वीकार कर दिया तो शासकीय अधिवक्ता नाराज हो गए। शिकायतकर्ता का यह भी आरोप है कि एक मामले में जब जस्टिस आनंद पाठक की एकल पीठ में 17 सितंबर को लगे मामले की सुनवाई में शिकायतकर्ता पेश हुए और शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता अभिषेक सिंह पैरवी कर रहे थे।
तभी शासकीय अधिवक्ता बीपी सिंह आए और उक्त मामले में आपत्ति लेना शुरू कर दिया जो नियमों के खिलाफ है। जब इस मामले में शासकीय अधिवक्ता बीपी सिंह से उनका पक्ष जाना तो उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता अधिवक्ता फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में राजीनामा करवाना चाहते थे। आरोपित मुसलमान लड़के पर पहले से दो दुष्कर्म के मामले दर्ज हैं। 14 साल की हरिजन लड़की का मुरैना के काजी द्वारा बनाया फर्जी निकाहनामा लगाकर कोर्ट को गुमराह कर रहे थे। सिर्फ तत्थों की जांच के लिए हाई कोर्ट से निवेदन किया था जिस पर शिकायतकर्ता भड़क गए और अब झूठे आरोप लगा रहे हैं।