अक्टूबर से डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट से जुड़ा नियम बदल रहा है। अब देश के सभी बुजुग पेंशनर्स जिनकी उम्र 80 साल या उससे ज्यादा है वो देश के सभी हेड पोस्ट ऑफिस के जीवन प्रमाण सेंटर में डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जमा कर सकेंगे।
इसके लिए 30 नवंबर तक का समय दिया गया है। भारतीय डाक विभाग ने सभी पेंशनर्स को सूचित कर कहा है कि जीवन प्रमाण सेंटर की आईडी समय से एक्टिवेट कर लें। साथ ही जिन हेड पोस्ट ऑफिस में जीवन प्रमाण सेंटर नहीं हैं, वहां फौरन यह सेंटर बनाने का आदेश दिया गया है।
जीवन प्रमाण सेंटर बनाने के बाद आईडी एक्टिवेट होगी। पोस्ट ऑफिस में कॉमन सर्विस सेंटर के लिए भी यही काम होना है, जिसकी अंतिम तारीख 20 सितंबर, 2021 तय की गई है।
डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट का नियम पिछले साल ही आ चुका था। लेकिन कोरोना महामारी के चलते इसे लागू करने में सरकार को देरी करनी पड़ी। अब देश में कोरोना के मामले काफी कम हो चुके हैं, ऐसे में यह नियम लागू कर दिया गया है।
पेंशनर्स को क्या करना है
डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट का काम पूरी तरह से ऑनलाइन है। इस वजह से यह सर्टिफिकेट जमा करने के लिए पेंशनर्स को बैंक या पोस्ट ऑफिस जाने की जरूरत नहीं है। वो घर बैठे ही यह काम कर सकते हैं। इसके लिए पेंशनर को पहले आधार नंबर के जरिए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट से जीवन प्रमाण लेना होगा। DLC का काम पूरा होते ही पेंशनर्स की यूनिक आईडी जनरेट होगी। इसके आधार पर जीवन प्रमाण पत्र प्रोसेस होगा और यह ऑटोमेटिकली बैंक ब्रांच या पोस्ट ऑफिस की शाखा में भेज दिया जाएगा। इससे यह पुष्टि होगी कि पेंशनर अभी जीवित है और उसके खाते में पैसे रिलीज किए जाएंगे।
क्या है इसका फायदा
डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट का काम ऑनलाइन होने से बुजुर्ग पेंशनर्स को बैंक और पोस्ट ऑफिस में लंबी लाइन नहीं लगानी पड़ेगी। कई पेंशनर ने शिकायत की थी कि आधार कार्ड नहीं होने की वजह से उन्हें पेंशन मिलने में कठिनाई आ रही है या फिर उनके अंगूठे का निशान महीं मिलने से समस्या हो रही है। इसके बाद सरकार ने डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र लेने के लिए आधार को स्वैच्छिक बना दिया है।