प्रतिबन्ध क़े बाद भी क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन विभाग ने नहीं दी अनुमति, फारेस्टर खेल मैदान का मामला, आज से तीन दिवसीय प्रतियोगिता
प्रतिबन्ध क़े बाद भी क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन विभाग ने नहीं दी अनुमति, फारेस्टर खेल मैदान का मामला, आज से तीन दिवसीय प्रतियोगित
कटनी -जिला मुख्यालय के फॉरेस्टर प्ले ग्राउंड में क्रिकेट, हाकी सहित अन्य खेलों के परिसर निर्माण 15 करोड़ की लागत से चल रहा है कि इस बीच अधूरे मैदान में क्रिकेट प्रतियोगिता कराने की भी आयोजकों ने तैयारी कर ली है। पम्पलेट बांटते हुए अतिथियों को निमंत्रण भी दे दिया है। दरअसल यहां पर पिछले एक वर्ष न से निर्माण कार्य चल रहा है। निर्माण कार्य के चलते मैदान अव्यवस्थित है। जगह- जगह गड्ढे हैं। जिसके चलते जिला खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने सुरक्षा की दृष्टि से मैदान को किसी भी आयोजन के लिए प्रतिबंधित किया है।
तीन दिवसीय प्रतियोगिता
पम्पलेट के अनुसार यहां पर तीन दिवसीय प्रतियोगिता होनी है। जिसमें उद्घाटन समारोह आज शुक्रवार सुबह 7.30 से रखा गया। इसके साथ ही यहां पर 1 दिसम्बर तक प्रतियोगिता चलने का हवाला दिया गया है। अब देखना होगा कि इस अधूरे मैदान में आयोजक किस तरह से प्रतियोगिता कराते हैं।
इनका कहना है
फॉरेस्टर मैदान में निर्माण कार्य चल रहा है। सुरक्षा की दृष्टि से मैदान को किसी भी प्रतियोगिता के लिए प्रतिबंधित किया है। इसकी सूचना भी मैदान में चस्पा कर दी दी गई है। काफी समय पहले आयोजन समिति ने मौखिक रुप से अनुमति मांगी थी। इसके बावजूदकिसी को अनुमति नहीं दी गई है।
विजय भार, जिला खेल अधिकारी
इस तरह से आयोजन समिति द्वारा पम्पलेट बांट देने और अतिथियों को निमंत्रण देने से खेल प्रेमियों में निराशा व्याप्त है। खेल प्रेमियों का कहना है कि यदि मैदान में आयोजनों को प्रतिबंध किया गया था, तो फिर क्रिकेट प्रतियोगिता का पम्पलेट बांटा जाना समझ से परे है। इसमें कहीं न कहीं विभाग की मौन सहमति है।
चल रहा निर्माण कार्य
वर्तमान समय में यहां पर निर्माण कार्य चल रहा है। जिसमें टेंडर के माध्यम से क्रिकेट, हांकी, टेबिल टेनिस सहित अन्य खेलों ग्राउंड, हॉल, पावेलियन, टीमों रूम से दस हजार दर्शकों के बैठने के लिए गैलरी का निर्माण हो रहा है। यह बात अलग है कि निर्धारित मापदण्डों का पालन नहीं होने से निर्माण कार्य भी चर्चाओं के घेरे में है। एक माह पहले मापदण्डों के विपरीत सामग्री उपयोग नहीं किए जाने को लेकर शिकवा- शिकायतें हुईं थी। बाद में इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।