Politicsविधानसभा चुनाव 2018

समाजवादी पार्टी भी बसपा की राह पर, मध्यप्रदेश में गठबंधन के नहीं आसार

राजनीतिक डेस्क। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठबंधन की चर्चाएं सिरे नहीं चढ़ पा रहीं। बसपा की तर्ज पर अब सपा ने भी अपनी अलग राह पकड़ ली है। पार्टी ने जिला संगठन को अपने बूते चुनावी तैयारी को कह दिया है। टिकटों के दावेदारों से बायोडाटा भी मांग लिए हैैं। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी प्रदेश इकाई को ऐसे संकेत दिए हैं।

प्रदेश में गैर भाजपाई दलों के महागठबंधन को लेकर चल रही कवायद को बसपा के निर्णय से झटका लगा है। बसपा के बाद अब सपा ने भी अपने स्तर पर यह मान लिया है कि चुनावी समर में कांग्रेस का हाथ न थामकर वह अकेले ही चुनाव लड़ेगी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गौरी सिंह यादव को जिलों में जाकर संगठन को सशक्त बनाने और जिन सीटों पर अनुकूल संभावनाएं हैं वहां चुनावी दृष्टि से राजनीतिक जमावट करने कहा गया है।

सपा के सूत्रों का दावा है कि बुंदेलखंड, विंध्य और महाकोशल में उसका अच्छा जनाधार है। वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में सपा ने प्रदेश की 7 सीटों पर जीत दर्ज की थी उसके बाद एक सीट (लांजी) उसे उपचुनाव में हासिल हुई थी। इस तरह 8 सीटें सपा के खाते में आईं थीं जो कि विंध्य-बुंदेलखंड और महाकोशल अंचल से ही थीं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाल ही में भोपाल प्रवास के दौरान इन तीनों क्षेत्रों पर फोकस कर अपने जनाधार को नए सिरे से बढ़ाने के निर्देश दिए थे।

सपा ने अपनी चुनाव प्रचार समिति की बैठक 24 सितंबर को ओरछा में बुलाई है। बैठक में पार्टी के सांसद चंद्रपाल यादव एवं विशंभर प्रसाद निषाद, जगदेव सिंह, दीपनारायण, पूर्व विधायक डॉ सुनीलम और कंकर मुंजारे भी चुनावी रणनीति पर विचार मंथन करेंगे।

उम्मीदवारों की सूची जल्द

कांग्रेस के साथ गठबंधन के मुद्दे पर अब तक कोई निर्णायक बात नहीं हुई है। राष्ट्रीय अध्यक्ष की ओर से हमें चुनावी तैयारी के निर्देश मिले हैं। विभिन्न क्षेत्रों से टिकटों के दावेदारों ने जो आवेदन दिए हैं उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष के पास भेज दिया है। सपा अपने प्रत्याशियों की सूची जल्दी जारी करेगी – गौरी सिंह यादव, अध्यक्ष समाजवादी पार्टी मध्यप्रदेश

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