न्यूयॉर्क। क्वॉड सम्मेलन में भाग लेने गए प्रधानमंत्री मोदी ने यहां रहने वाले भारतवासीयों को सम्बोधित किया अपने संबोधन में कहा कि भारत अब पीछे नहीं चलता बल्कि नेतृत्व करता है’ ‘भारत आज अवसरों की धरती है। भारत अब अवसरों का इंतजार नहीं करता, अवसरों का निर्माण करता है।
‘उन्होंने कहा कि अमेरिकन इंडियन स्पिरिट है और यही दुनिया का एआई पावर है। यही एआई स्पिरिट ही भारत-अमेरिका के रिश्तों को नई ऊंचाई दे रहा है। अमेरिकन इंडियन स्पिरिट है और यही दुनिया का एआई पावर है। यही एआई स्पिरिट ही भारत-अमेरिका के रिश्तों को नई ऊंचाई दे रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘हम भारतीय जहां भी जाते हैं, सबको परिवार मानकर उनसे घुल-मिल जाते हैं। डायवर्सिटी को समझना, जीना, उसे अपने जीवन में उतारना… ये हमारे संस्कारों में है। कोई तमिल बोलता है… कोई तेलुगु, कोई मलयालम, तो कोई कन्नड़… कोई पंजाबी, कोई मराठी तो कोई गुजराती… भाषा अनेक हैं, लेकिन भाव एक है… और वो भाव है- भारतीयता। हम उस देश के वासी हैं, जहां सैकड़ों भाषाएं और बोलियां हैं, दुनिया के सारे मत और पंथ हैं। फिर भी हम एक बनकर, नेक बनकर आगे बढ़ रहे हैं। दुनिया के साथ जुड़ने के लिए ये हमारी सबसे बड़ी ताकत है। यही मूल्य, हमें सहज रूप से ही विश्व-बंधु बनाती हैं।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘अब अपना नमस्ते भी मल्टीनेशनल हो गया है। लोकल से ग्लोबल हो गया है और ये सब आपने (विदेश में रहने वाले भारतीयों ने) किया है। अपने दिल में भारत को बसा कर रखने वाले हर भारतीय ने ये किया है। मैं हमेशा से आपके (भारतीय डायस्पोरा) सामर्थ्य को समझता रहा हूं।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘आप मेरे लिए हमेशा से भारत के सबसे मजबूत ब्रांड एंबेसेडर रहे हैं। इसलिए मैं आप सबको राष्ट्रदूत कहता हूं।’
पुष्प की पांच पंखुड़ियां मिलकर विकसित भारत बनाएंगी’
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ‘2024 का ये साल, पूरी दुनिया के लिए बहुत अहम है। एक तरफ दुनिया के कई देशों के बीच संघर्ष है, तनाव है तो दूसरी तरफ कई देशों में लोकतंत्र का जश्न चल रहा है। भारत और अमेरिका लोकतंत्र के जश्न में भी एक साथ है। आपको एक शब्द याद रहेगा PUSHP (पुष्प) पी मतलब प्रोग्रेसिव भारत, यू मतलब अनस्टोपेबल भारत, एस मतलब स्प्रिचुअल भारत, एच मतलब ह्युमैनिटी फर्स्ट को समर्पित भारत, पी मतलब प्रोस्पैरस (समृद्ध) भारत। PUSHP- पुष्प की पांच पंखुड़ियां मिलकर ही विकसित भारत बनाएंगी। हम देश के लिए मर नहीं पाए, लेकिन हम देश के लिए जी जरूर सकते हैं।’
उन्होंने कहा कि ‘पहले दिन से मेरा मन और मिशन एकदम क्लीयर रहा है। मैं स्वराज्य के लिए जीवन नहीं दे पाया, लेकिन मैंने तय किया सुराज और समृद्ध भारत के लिए जीवन समर्पित करूंगा। आज भारत दुनिया के सबसे बड़े युवा देशों में से एक है। भारत एनर्जी से भरा हुआ है, सपनों से भरा हुआ है। एक दशक से भारत, 10वें नंबर से पांचवें नंबर की इकोनॉमी बन गया है। अब हर भारतीय चाहता है कि भारत जल्दी से तीसरे नंबर की सबसे बड़ी इकोनॉमी बने।’
‘भारत अब पीछे नहीं चलता बल्कि नेतृत्व करता है’
‘भारत आज अवसरों की धरती है। भारत अब अवसरों का इंतजार नहीं करता, अवसरों का निर्माण करता है। आज भारत का 5जी मार्केट अमेरिका से भी बड़ा हो चुका है और ये सिर्फ दो साल के भीतर हुआ है। अब भारत ‘मेड इन इंडिया’ 6जी पर काम कर रहा है। अब भारत पीछे नहीं चलता, नई व्यवस्थाएं बनाता है और नेतृत्व करता है। भारत ने digital public infrastructure (DPI) का नया कॉन्सेप्ट दुनिया को दिया है। भारत अब रुकने वाला नहीं है, भारत अब थमने वाला नहीं है। भारत चाहता है कि दुनिया में ज्यादा से ज्यादा डिवाइस मेड इन इंडिया चिप पर चले।’