दुर्गोत्सव

नवरात्रि पर करें इन 9 रूप में कन्या पूजन, मिलेगा अपार पुण्य

धर्म डेस्क। अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की शारदीय नवरात्रि 10 अक्टूबर बुधवार को बुध चित्रा योग में आरंभ होगी। सालों बाद देवी आराधना का पर्वकाल दुर्लभ संयोगों से युक्त है। नवरात्र में कन्या पूजन का विशेष महत्व है। जानिए कन्या के नौ रूप और उनके पूजन से मिलने वाले विशेष फल के बारे में –

  1. कुमारी : दो वर्ष की कन्या को कुमारी कहा जाता है। दुख और दरिद्रता का शमन करने के लिए इनका पूजन किया जाता है।

  2. त्रिमूर्ति : तीन वर्ष की कन्या को त्रिमूर्ति कहते हैं। इनकी पूजा से धर्म, अर्थ और काम की प्राप्ति होती है। घर में धन-धान्य का आगमन तथा पुत्र-पौत्रों की बढ़ोतरी होती है।

  1. कल्याणी : चार वर्ष की कन्या को कल्याणी कहते हैं। जिन्हें विद्या, विजय, सत्ता एवं सांसारिक सुख पाने की अभिलाषा हो, वे समस्त कामनाओं को पूर्ण करने वाली कल्याणी की पूजा करें।

  2. रोहिणी : पांच वर्ष की कन्या को रोहिणी कहते हैं। रोग के निवारण तथा स्वास्थ्य की प्राप्ति के उद्देश्य से रोहिणी की पूजा करें।

  3. कालिका : छह वर्ष की कन्या को कालिका कहा जाता है। शत्रुओं के शमन के लिए कालिका का पूजन करें।

  4. चंडिका : सात वर्ष की कन्या को चंडिका कहते हैं। इसके पूजन से धनसंपत्ति और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।

  5. शांभवी : आठ वर्ष की कन्या को शांभवी कहते हैं। किसी को अपने अनुकूल बनाने, निर्धनता दूर करने तथा वाद-विवाद में विजय प्राप्ति के लिए शांभवी की पूजा करें।

  6. दुर्गा : नौ वर्ष की कन्याहोती है दुर्गा का रूप। किसी कठिन कार्य की सिद्धि के उद्देश्य से दुर्गा की पूजा करते हैं।

  7. सुभद्रा : दस वर्ष की कन्या के पूजन से लोक-परलोक दोनों का सुख प्राप्त होता है। इस आयु की कन्या को सुभद्रा कहा जाता है।

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