शुरू हुए गुप्त नवरात्र, दस दिन तक शक्ति-साधना में लीन रहेंगे श्रद्धालु
भोपाल । शुक्रवार से दस दिवसीय गुप्त नवरात्र की शुरुआत हो गई है। राजधानी भोपाल में मां जगदंबा के मंदिरों व घरों में लोग मां की पूजा-अर्चना में लीन हैं। टीटी नगर स्थित मां वैष्णो धाम आदर्श नौ दुर्गा मंदिर में सुबह से ही शतचंडी पाठ वैदिक ब्राह्मणों द्वारा किया जाने लगा है। विधि-विधान से मां भगवती का पूजन-अनुष्ठान किया जा रहा है। बता दें कि यह भोपाल का एकमात्र मंदिर है, जहां पर मां भगवती अपने नौ स्वरूपों में विराजमान है। इस मंदिर में अनेक भक्त अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए ज्योत जलाते हैं। गुप्त नवरात्र में भी 11 ज्योत प्रज्ज्वलित की जाएंगी।
गुप्त नवरात्र में विशेष तांत्रिक अनुष्ठान भी किए जाते हैं, पर मां वैष्णो धाम आदर्श नवदुर्गा मंदिर में नौ देवियां विराजमान हैं तो चारों नवरात्र में शतचंडी पाठ के साथ प्रतिदिन मां भगवती के शैलपुत्री से लेकर सिद्धिदात्री स्वरूपों का नौ दिन विशेष पूजन होता है। अष्टमी पर हवन और नवमी के बाद नवरात्र महोत्सव का समापन होता है। इसके अलावा शहर के अन्य देवी मंदिरों में भी देवी की अराधाना शुरू हो गई है।
ज्योतिषाचार्य पंडित जगदीश शर्मा ने बताया कि पर्व काल में छह दिन अमृतसिद्धि, सर्वार्थसिद्धि व रवि योग का संयोग है। इस दौरान ग्रह व नक्षत्रों के राशि परिवर्तन भी होंगे। गुप्त नवरात्र हिंदुओं के महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहारों में से एक है। यह हिंदू सभ्यता के अनुसार बहुत शुभ माना जाता है। पौराणिक काल से ही लोगों की इसमें आस्था और विश्वास है। यह देवी मां को प्रसन्न करने के लिए मनाया जाता है। इस दौरान पूजा-अर्चना से जीवन में तनाव से राहत मिलती है।
साल में चार बार नवरात्र आते हैं। जिस तरह नवरात्र में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है, उसी तरह गुप्त नवरात्र में दस महाविद्याओं की साधना की जाती है। गुप्त नवरात्र के दौरान साधक मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी माता, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, मां बगलामुखी, माता मातंगी और मां कमला देवी की पूजा की जाती है।
गुप्त नवरात्र विशेषकर शक्ति साधना से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्व रखते हैं। इस दौरान देवी भगवती के साधक बेहद कड़े नियम के साथ व्रत और साधना करते हैं।