चित्रकूट उपचुनाव : सरकार की साख दांव पर

भोपाल। उत्तर प्रदेश के सीमा से सटी इस विधानसभा सीट पर 9 नवंबर को वोटिंग और 12 नवंबर को काउंटिंग होगी.चुनाव आयोग के द्वारा जारी कार्यक्रम के मुताबिक 16 अक्टूबर को अधिसूचना जारी होगी, 23 अक्टूबर तक नामांकन दाखिल हो सकेंगे. कांग्रेस विधायक प्रेम सिंह के निधन के कारण चित्रकूट में उपचुनाव होना है. सत्तारूढ़ भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कांग्रेस की ओर से विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह की प्रतिष्ठा उपचुनाव में दांव पर होगी. क्योंकि भाजपा स्वाभाविक रूप से मुख्यमंत्री की अगुवाई में ही किसी भी चुनाव के मैदान में उतरती है. वहीं चित्रकूट, नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह का कार्यक्षेत्र है.
भाजपा चित्रकूट के चुनावी इतिहास पर नजर डालें तो पता चलता है, कि एक बार 2008 को छोडक़र भाजपा को यहां कभी सफलता नहीं मिली, इसमें भी मतों का अंतर बहुत कम मात्र 700 रहा. दिवंगत कांग्रेस विधायक प्रेमसिंह साल 1998, 2003 और 2013 में भारी मतों के अंतर से जीतते रहे. 2013 विधानसभा चुनाव में प्रेमसिंह ने भाजपा के पूर्व विधायक सुरेन्द्र सिंह गहरवार को 12 हजार मतों से हराकर जीता था.