कंप्यूटर बाबा का घंसौर में जल्द होगा आगमन

घँसौर। प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री का दर्जा पा चुके कंप्यूटर बाबा जो नर्मदा नदी के संरक्षण को लेकर चर्चाओं में आ चुके हैं उनका घंसौर में जल्द आगमन होने जा रहा है यहां राजनैतिक कार्यक्रम में पहुंचने की बजाय वे धार्मिक अनुष्ठान कराने घंसौर के केवलारी स्थित डड़ई हनुमान मंदिर पहुंचेंगे उक्त जानकारी डड़ई हनुमान मंदिर के प्रवक्ता बतौर कुंवर शक्ति सिंह ने देते हुए बताया कि कंप्यूटर बाबा एक धार्मिक अनुष्ठान कराने आगामी 24 मई को मंदिर पहुंचेंगे।
यहां हनुमान मंदिर में विराजमान ठाकुर अनमोल दास जी महाराज भी प्रेस वार्ता में अनेक साधु संतों सहित उपस्थित थे शक्ति सिंह ने बताया कि कंप्यूटर बाबा ने बसंत पंचमी से धूनी तपने का संकल्प लिया है जिसका समापन 24 मई को गंगा दशहरा के अवसर पर डड़ई हनुमान मंदिर में किया जाएगा। दो दिवसीय कार्यक्रम में 23 एवं 24 मई को भागवत कथा का आयोजन भी किया जायेगा उनके साथ आसपास के सभी जिलों के संत महात्मा शामिल होंगे।
कार्यक्रम के दौरान मंदिर परिसर के आस पास शांति वन का रूप देने बड़ी संख्या में पौधारोपण किया जाएगा, जिसमें बाबा भी अपने संकल्प के अनुसार यह 7 पौधे रोपेंगे आयोजन की जानकारी देते हुए बताया गया कि घंसौर के खेरमाई मंदिर में उनका पादुका पूजन किया जाएगा साथ ही भावा एकेडमी में भी उनका आगमन होगा कंप्यूटर बाबा का कार्यक्रम पूर्णतः धार्मिक अनुष्ठान पर आधारित होगा तथा मंदिर प्रबंधन अपनी पूरी क्षमता और उमंग से अनुष्ठान का आयोजन करेगा।
नामदेव दास त्यागी उर्फ कंप्यूटर बाबा यहां धूनी तप करेंगे बाबा के आगमन पर आसपास के ग्राम के धर्मावलंबी बड़ी संख्या में कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं समापन अवसर पर भंडारे प्रसाद का आयोजन भी किया जाएगा। दिगंबर अखाड़ा के कंप्यूटर बाबा धूनी तापने की तपस्या 18 साल से कर रहे हैं यह अंतिम साल का ताप है बताया जा रहा है कि धूनी छह प्रकार की होती हैं जिसे तीन तीन साल तक तापते हैं पंच धूनी, सप्त धूनी, द्वादश धोनी, चौरासी कोट और कोट खप्पर की तपस्या है इसे बाबा ने अपनी दिनचर्या में शामिल किया है प्रदेश सरकार द्वारा पांच साधु-संन्यासियों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है जिनमें कंप्यूटर बाबा सबसे ज्यादा चर्चित माने जा रहे हैंगौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने कुछ दिनों पहले कम्प्यूटर बाबा, भय्यू महाराज समेत संतों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है इन सभी संतों को सरकार द्वारा गठित विशेष समिति का सदस्य भी बनाया गया है।