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टिफिन प्लान के साथ जनता के बीच जाएगी भाजपा- जानिये क्या है रणनीति

राजनीतिक डेस्क। भाजपा अभी से अपने मिशन-2019 की तैयारी में जुट गई है।  पार्टी के संसदीय दल की बैठक में पी.एम. नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सांसदों को कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने का मंत्र दिया। इस मंत्र के तहत भाजपा सांसद अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर बूथ स्तर पर टिफिन मीटिंग करेंगे।

क्या है टिफिन प्लान

भाजपा ने टिफिन प्लान का आइडिया संघ से लिया है। इस प्लान को पार्टी ने सबसे पहले गुजरात में आजमाया था। इसके जरिए पार्टी ने बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत किया। इसके तहत पार्टी नेता हर बूथ में अपने घर से खाने का टिफिन लेकर जाते हैं।  वहां पार्टी कार्यकर्ताओं  साथ बातचीत कर उन्हीं के साथ भोजन करते हैं।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब यू.पी. विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान बनारस गए थे तो उन्होंने नेताओं के साथ बैठकर सबके सामने खाना खाया था। इस दौरान तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष केशव मौर्या भी उन्हीं की टेबल पर खाना खाने वालों में शामिल थे। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह भी दलित और ओ.बी.सी. कार्यकर्ताओं के घर खाना खाने जाते रहते हैं। इसी तर्ज पर अब पार्टी आलाकमान ने सांसदों को टिफिन प्लान का आइडिया दिया है। इसके तहत पार्टी के सभी सांसद अपने-अपने संसदीय क्षेत्र के बूथ क्षेत्र में जाएंगे और पार्टी कार्यकत्र्ताओं के साथ बैठकर उनकी नाराजगी दूर करेंगे। इस दौरान वे मोदी सरकार की उपलब्धियों और नीतियों से पार्टी कार्यकत्र्ताओं को अवगत कराएंगे।
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मोदी के भाषण की बुकलैट 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और वित्त मंत्री अरुण जेटली के बजट भाषण की बुकलैट को लेकर सांसद अपने क्षेत्र में मोदी सरकार की नीतियों का प्रचार-प्रसार करेंगे। इसके जरिए जनता को पता चल सके कि मोदी सरकार ने उनके लिए क्या-क्या कदम उठाए हैं? सरकार ने आखिरी बजट में ग्रामीण और किसानों को खास तव्वजो दी है।

बढ़ानी होगी अपने-अपने क्षेत्र में सक्रियता 
भाजपा चाहती है कि अपने-अपने क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा सक्रियता बढ़ाई जाए। इसके लिए सभी सांसदों को कहा गया है कि वे अपने अपने क्षेत्र में अपनी सक्रियता बढ़ाएं। लोकसभा क्षेत्र में अधिक समय रह कर लोगों से मिला जाए व उनकी समस्याओं को हल करने पर जोर दिया जाए।

एंटी इन्कम्बैंसी न बनने दें 
सांसद अपने क्षेत्र में सक्रिय रहकर पार्टी और सत्ता के खिलाफ किसी तरह का एंटी इन्कम्बैंसी का माहौल न बनने दें। इसके लिए  सांसदों को विशेष तौर पर जिम्मेदारी सौंपी गई है। जनता के बीच सरकार की उपलब्धियों को सकारात्मक तरीके से पेश करने को कहा गया है। हाल ही में राजस्थान में उप चुनाव में हार से भाजपा ने सबक लेते हुए आगे की रणनीति बनाई है। पार्टी ने सांसदों से कहा है कि पार्टी की छवि को नकारात्मक न बनने दें।

बजट घोषणा के साथ जनता के बीच
इस बार के बजट घोषणाओं को जनता के बीच ले जाने का जिम्मा पार्टी सांसदों को दिया गया है। मोदी सरकार ने बजट को किसान-ग्रामीण के साथ-साथ न्यू इंडिया की परिकल्पना के साथ पेश किया। इस बजट को 2019 का बजट कहा गया है। ऐसे में पार्टी सांसदों को बजट में रखी गई बात को जनता के बीच ले जाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

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