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जीरो बजट फार्मिंग के माध्यम से विद्यार्थियों को रोजगार के अवसर प्रदान करने की पहल, सिलोंडी में दिया प्रशिक्षण

जीरो बजट फार्मिंग के माध्यम से विद्यार्थियों को रोजगार के अवसर प्रदान करने की पहल, सिलोंडी में दिया प्रशिक्षण

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कटनी। जीरो बजट फार्मिंग के माध्यम से विद्यार्थियों को रोजगार के अवसर प्रदान करने की पहल, सिलोंडी में दिया प्रशिक्षण। शासकीय महाविद्यालय सिलौडी जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा में मध्य प्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ स्वरोजगार स्थापित करने के लिए प्राचार्य डॉ रतिराम अहिरवार के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण समन्वयक डॉक्टर नीता मिश्रा के सहयोग से जैविक कृषि विशेषज्ञ रामसुख दुबे द्वारा जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया गया।

जीरो बजट फार्मिंग के माध्यम से विद्यार्थियों को रोजगार के अवसर प्रदान करने की पहल, सिलोंडी में दिया प्रशिक्षण

प्राचीन काल में मानव स्वास्थ्य के अनुकूल तथा प्राकृतिक वातावरण के अनुरूप खेती की जाती थी जिससे जैविक और अजैविक पदार्थों के बीच आदान-प्रदान का चक्र पारिस्थितिक तंत्र निरंतर चलता रहता था जिसके फल स्वरुप जल भूमि वायु तथा वातावरण प्रदूषित नहीं होता था किंतु हरित क्रांति के समय अधिक मात्रा में रासायनिक खाद एवं कीटनाशको का उपयोग किया गया जिससे न सिर्फ भूमि की उर्वरा शक्ति प्रभावित हुई अपितु पर्यावरणीय दृष्टि से भी बहुत बड़ा नुकसान सभी को उठाना पड़ा। शासन द्वारा उपरोक्त सभी समस्याओं से निपटने के लिए अनेक वर्षों से जैविक खेती अपनाने तथा खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए परंपरागत विधियों को अपनाते हुए भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने एवं पर्यावरणीय दृष्टि से सभी के लिए अनुकूलता प्रदान करने का काम किया जा रहा है।

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प्रशिक्षण में विद्यार्थियों को जैविक एवं रासायनिक खेती में अंतर जैविक खेती के फायदे विभिन्न जैविक खाद एवं कीटनाशकों के विषय में जानकारी दी गई बतलाया गया कि रासायनिक खादो मैं अधिकतम दो या तीन तत्व पाए जाते हैं जिनके निरंतर प्रयोग से भूमि में शेष तत्वों की कमी होती जा रही है पौधों को उत्पादन के लिए 17 प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है जो सभी जैविक खाद में पाए जाते हैं देसी गाय की एक ग्राम गोबर में 300 से 500 करोड़ सूक्ष्म जीवाणु तथा सभी पोषक तत्व पाए जाते हैं तथा देशी गाय की गोमूत्र में 33 प्रकार के तत्व पाए जाने के कारण इनका उपयोग जैविक खेती में किया जाता है।

गोमूत्र का उपयोग बीज उपचार जैविक कीटनाशक शीघ्रखाद एवं पौध पोषण के लिए किया जाता है जिससे कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त हो सके फसलों में लगने वाले विभिन्न कीट एवं रोगों की जानकारी तथा उनके नियंत्रण के लिए जैविक तरीके का तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया।

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