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Shri Rammandir राम मंदिर कब बनेगा, कौन सी तारीख, तिथि होगी, डेढ़ सौ साल पहले बता दिया था

Shri Rammandir राम मंदिर कब बनेगा, कौन सी तारीख तिथि होगी, डेढ़ सौ साल पहले बता दिया था

Shri Rammandir राम मंदिर कब बनेगा कौन सी तारीख तिथि क्या कोई डेढ़ सौ साल पहले बता सकता है? आप कहेंगे नहीं, पर यह सत्य है। 150 साल पहले हमारे पूर्वजों ने बता दिया था कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर में प्राणप्रतिष्ठा शुक्ल पक्ष एकादशी से त्रयोदशी के बीच होगी। 22 जनवरी को श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या में हो रही है। उसकी तिथि हमारे पूर्वजों ने पहले ही बता दी थी। यह बात छत्‍तीसगढ़ के सक्ती जिले के जैजेपुर में चल रहे रामनामी मेला में आये गुलाराम रामनामी ने बताई।

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उन्होंने कहा हमारा मेला भी इसी तिथि में आयोजित होता है और अद्भुत संयोग है कि श्रीराम के भव्य मंदिर में रामलला की प्राणप्रतिष्ठा इस समय हो रही है। पता नहीं क्या है इस तारीख में जो पंडित बता रहे हैं वही हमारे पूर्वजों ने भी बताई। ये राम ही बताएंगे। यह बात छत्‍तीसगढ़ के सक्ती जिले के जैजेपुर में चल रहे रामनामी मेला में आये गुलाराम रामनामी ने बताई। गुलाराम और उनके साथी बताते हैं कि पूर्वजों की कही बात पूरा होने से हम लोग बहुत खुश हैं।

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छत्‍तीसगढ़ में एक ऐसा पंथ है जो न मंदिर, न मूर्ति, न ग्रंथ। बस राम नाम ही इनके लिए पर्याप्त है। प्रभु के नाम को इन्होंने रोम-रोम में सुशोभित किया है। पूरे तन में राम नाम का गोदना, एक- दूसरे से मिले तो अभिवादन में राम-राम। जो वस्त्र धारण करते, उन पर भी लिखते राम का नाम। इन्हें मंदिर जाने और मूर्ति पूजने की आवश्यक्ता ही नहीं। यह पहचान है छत्तीसगढ़ के रामनामी समाज के लोगों की। करीब 130 साल पहले छुआछूत व आडंबर से त्रस्त होकर अविभाजित बिलासपुर जिले के छोटे से गांव से इस पंथ की शुरूआत हुई।

रामनामी मेले के बारे में बताते हुए खम्हरिया से आये मनहरण रामनामी ने बताया कि हर साल इसी तिथि में मेले का आयोजन होता है। एक साल महानदी के इस पार और एक बार महानदी के उस पार। मनहरण ने बताया कि 150 साल पहले से हम लोग भजन गाते आये हैं। पहले छोटे भजन गाते थे 15 साल से बड़े भजन की शुरुआत हुई।

सेजबना ने बताया कि मैं बचपन से भजन गाती हूं। 7 साल से राम नाम गोदवाया है। मेरे माता-पिता भी भजन गाते थे। यह चौथी पीढ़ी है जो भजन गा रही है। राम नाम की महिमा अपरंपार है। जिस परिसर में यह सब भजन गा रहे हैं। उस परिसर में भी उन्होंने राम नाम लिखवा लिया है। अपने घर में राम का नाम लिखा है। वस्त्रों में राम का नाम लिखा है। रामनामी राम के नाम के उपासक हैं। रामनामियों ने कहा कि किसी भी रूप में राम को भजो, चाहे गेरुवा पहन कर भजो, चाहे मुंडन कराओ लेकिन भेदभाव न करो। छलकपट न करो। यही उनका संदेश है।

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