
आयुष्मान योजना में गड़बड़ी की जांच: 65 अस्पतालों पर शिकंजा, सामने आए चौंकाने वाले खुलासे शनिवार सुबह इंदौर के 65 अस्पतालों में आयुष्मान योजना के स्टेट हेड अथॉरिटी की 13 टीमें जांच करने पहुंची।
टीम ने यह देखा कि योजना में गड़बड़ी तो नहीं की जा रही है। फर्जी मरीजों के नाम पर योजना के धन का दुरुपयोग तो नहीं किया जा रहा है।
आयुष्मान योजना में गड़बड़ी की जांच: 65 अस्पतालों पर शिकंजा, सामने आए चौंकाने वाले खुलासे
बताया जा रहा है कि जांच के दौरान भोपाल से आए अधिकारी अपने साथ में एक फॉर्म लेकर आए थे। जिसमें वह अस्पताल में जांच के दौरान देख रहे थे कि किन शर्तों का उल्लंघन हो रहा है। जिन शर्तों का उल्लंघन हो रहा था, वह फार्म में लिखकर अपने साथ लेकर गए हैं।
कई बड़े अस्पतालों में गड़बड़ी
कई बड़े अस्पतालों में गड़बड़ी सामने आई है। कई अस्पतालों में बिना इलाज के ही भर्ती मरीज भी मिले हैं। बता दें कि इससे पहले भी टीम जांच के लिए आई थी। जिसमें गड़बड़ी के बाद अस्पतालों पर कार्रवाई की गई थी। जांच के लिए 13 टीमें बनाई गईं। एक टीम को जांच के लिए पांच-पांच अस्पतालों में पहुंचना था। टीम को देखकर प्रबंधन दंग रह गए।
कौन-कौन थे शामिल?
इसके अलावा लगभग 14 अधिकारी इंदौर के स्थानीय आयुष्मान योजना नोडल कार्यालय से लेकर सत्यापन कार्रवाई के लिए गए थे। टीम में पब्लिक हेल्थ विशेषज्ञ, हेल्थ इंश्योरेंस विशेषज्ञ, आइटी सलाहकार, बिजनेस एनालिस्ट आदि अधिकारी शामिल थे। कार्रवाई के दौरान आयुष्मान योजना के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. योगेश भरसट भी शहर में ही थे।
इन अस्पतालों में जांच के लिए पहुंची टीम
आयुष्मान योजना से जुड़े मेडिकेयर स्क्वेयर, गोकुलदास, राजश्री अपोलो, वेदांत अस्पताल, सलूजा आइ केयर, भंडारी अस्पताल, इंडेक्स अस्पताल, एमिनेंट अस्पताल, शंकर आइ अस्पताल, वर्मा यूनियन, एसएनजी, एनर्जी अस्पताल, वी-वन अस्पताल, सीएचएल केयर अस्पताल, मेदांता अस्पताल, चोइथराम अस्पताल आदि में जांच के लिए टीम पहुंची। कार्रवाई में भोपाल के डॉ. इंद्रजीत सिकरवार, डॉ. अरविंद गढ़वाल, डॉ. नवीन दीवान, डॉ. रोहित पंत, डॉ. ऋषिराज सिंह, डॉ. सुदीप सरकार आदि शामिल रहे।
आयुष्मान योजना अंतर्गत शामिल अस्पतालों में जांच के लिए टीम आई थी। हर वर्ष प्रक्रिया के तहत टीम इंदौर आती है।
– डॉ. माधव हसानी, सीएमएचओ।