जेईई की कठिन परीक्षा को 1st रैंक से पास करने के बाद दो साल में छोड़ा आईआईटी बॉम्बे, बड़ी रोचक है इस छात्र की कहानी, पढ़ें

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आईआईटी जेईई, भारत की सबसे प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। हर साल लाखों छात्र इस परीक्षा को पास करके आईआईटी में दाखिला पाने का सपना देखते हैं, लेकिन बहुत कम ही इस सपने को साकार कर पाते हैं। ऐसे ही एक सफल छात्र हैं सतवत जग्गी, जिन्होंने 2015 में जेईई एडवांस्ड परीक्षा में पहली रैंक हासिल की थी। हालांकि, उनका सफर आईआईटी बॉम्बे तक ही सीमित नहीं रहा। उन्होंने आईआईटी छोड़ने का साहसिक निर्णय लेकर मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) का रुख किया।

IIT से MIT तक का सफरजब सतवत ने आईआईटी बॉम्बे में दाखिला लिया, तब बहुत से लोगों को उम्मीद थी कि वह इंजीनियरिंग की दुनिया में भारत के एक और बड़े नाम के रूप में उभरेंगे। लेकिन सिर्फ दो साल बाद, उन्होंने अपने करियर की दिशा बदलते हुए MIT में दाखिला ले लिया।

यह निर्णय उन छात्रों के लिए प्रेरणास्रोत है जो सीमाओं से परे जाकर अपने सपनों का पीछा करते हैं।आईआईटी छोड़कर MIT में दाखिला लेना सतवत का एक बड़ा कदम था, लेकिन यह पहली बार नहीं था कि किसी IIT टॉपर ने ऐसा किया हो। 2014 के जेईई एडवांस्ड टॉपर चित्रांग मुर्डिया ने भी ऐसा ही किया था।

चित्रांग ने कंप्यूटर साइंस में आईआईटी बॉम्बे से अपनी पढ़ाई शुरू की थी, लेकिन बाद में उन्होंने भी MIT से फिजिक्स में डिग्री हासिल की।MIT में नई पहचान और उपलब्धियाँसतवत ने 2020 में MIT से कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इतना ही नहीं, उन्होंने वहीं से अपनी मास्टर डिग्री भी पूरी की।

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आज सतवत एक सफल सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंजीनियर के रूप में काम कर रहे हैं और अमेरिकी सॉफ्टवेयर कंपनी कैडेंस डिजाइन सिस्टम्स में कार्यरत हैं।उनका यह सफर केवल एक टॉपर की कहानी नहीं है, बल्कि यह उन तमाम छात्रों के लिए प्रेरणा है, जो अपने जीवन में बड़े सपने देखते हैं और उन्हें साकार करने के लिए साहसिक कदम उठाते हैं। IIT-जेईई टॉप करने के बाद भी सतवत ने अपनी सीमाओं को नहीं बांधा और MIT से जुड़कर अपने सपनों को नई ऊँचाइयाँ दीं।

By Ashutosh shukla

30 वर्षों से निरन्तर सकारात्मक खोजी पत्रकारिता