सायना में बिखरे कविता के रंग’राणा की तलवार’ ’ रानी पद्मनी‘ और ’शिव तांडव’ जैसी कविताओं ने बाँधा समा

सायना में बिखरे कविता के रंग’राणा की तलवार’ ’ रानी पद्मनी‘ और ’शिव तांडव’ जैसी कविताओं ने बाँधा सम
सायना इंटरनेशनल स्कूल कटनी में हिन्दी दिवस के अवसर पर अंतरसदनीय हिन्दी काव्य पाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के अतिथियों की आगवानी सायना की स्कूल कैप्टन वंशिका बाजपेयी, हैडबाॅय रनवीर सिंह एवं कैप्टन राजदीप सिंह ने की। कार्यक्रम के संयोजक डाॅ. लोकेश दुबे ने अतिथियों का परिचय कराते हुए मुख्य अतिथि वरिष्ठ कवि सतीश आनंद जी, विशिष्ट अतिथि साहित्य भूषण सम्मान से अलंकृत कवि अनिल कुमार मिश्र, ओज रस के युवा कवि तुषार भट्टाचार्य ‘तपन‘ एवं अध्यक्ष सायना के प्राचार्य डाॅ आदित्य कुमार शर्मा , हेड मास्टर कमल सलेचा को भगवान गणेश व माता सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ करने के लिए आमंत्रित किया। श्रीमती प्रीती पाठक के मार्गदर्शन में छात्र परिषद के सदस्य वैभवी बंसल, वैष्णवी सिंह, शौर्य सिंह, राजदीप सिंह, आराध्य तिवारी, अमन प्रताप, विजय अहिरवार, प्रभात सिंह एवं हर्षित जयसवाल ने अतिथियों का पुष्प गुच्छ से स्वागत किया। काव्यपाठ की शानदार प्रस्तुति का सफल मंच संचालन तुषार भट्टाचार्य ‘तपन‘ ने अपनी ओजपूर्ण कविताओं के साथ करके कार्यक्रम की गरिमा को बढ़ा दिया। कार्यक्रम में कविताओं के विविध रंग छाए रहे। किसी ने ओज को प्रस्तुत किया, तो किसी प्रेम के रंग बिखेरे, तो किसी ने व्यंग्य को हथियार बनाकर प्रतियोगिता जीत ली। कनिष्ठ वर्ग से रूबी हाउस के मान्या वर्मा को प्रथम, रूबी हाउस से ही ऐश्वर्य तिवारी द्वितीय और टोपेज़ हाउस के हार्दिक जैन तृतीय स्थान पर रहे। वही वरिष्ठ वर्ग में प्रथम स्थान पर जहाँ रूबी हाउस के सागर मिश्रा रहें, वहीं द्वितीय स्थान पर एमरल्ड हाउस के आदित्य राज सिंह व तृतीय स्थान पर सफायर हाउस के अभिजीत तिवारी ने अपनी कविता के माध्यम से श्रोताओं में ऊर्जा का संचार कर दिया। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए डाॅ शर्मा ने विजेताओं को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि हिन्दी न केवल हमारी मातृभाषा है बल्कि यह पूर्णतः वैज्ञानिक भाषा है। हमें उच्चारण करते समय इसकी शुद्धता का ध्यान रखना चाहिए। वरिष्ठ शिक्षिका श्रीमती राजेश्वरी खरे ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। आभार प्रदर्शन विभाग प्रभारी दिलीप कुमार ज्ञा ने किया।