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कुरुक्षेत्र में PM मोदी ने किया ‘पांचजन्य शंख चौक’ का उद्घाटन, शहीदी दिवस पर स्मारक सिक्का जारी

कुरुक्षेत्र में PM मोदी ने किया ‘पांचजन्य शंख चौक’ का उद्घाटन, शहीदी दिवस पर स्मारक सिक्का जारी

कुरुक्षेत्र में PM मोदी ने किया ‘पांचजन्य शंख चौक’ का उद्घाटन, शहीदी दिवस पर स्मारक सिक्का जारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को हरियाणा के कुरुक्षेत्र पहुंचे थे. जहां, उन्होंने ज्योतिसर अनुभव केंद्र और पांचजन्य शंख स्मारक का उद्घाटन किया. इसके बाद, प्रधानमंत्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस के अवसर पर आयोजित एक समागम में शामिल हुए. उन्होंने गुरु तेग बहादुर जी को समर्पित एक पुस्तक का विमोचन किया और एक सिक्का भी जारी किया.

पीएम ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि गुरु तेग बहादुर जी ने भी सत्य और न्याय को अपना धर्म माना और इसकी रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी. जब नौवें गुरु, गुरु तेग बहादुर जी यहां आए, तो उन्होंने यहां अपने साहस की छाप छोड़ी.

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प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि हम न किसी को डराते हैं, न किसी से डरते हैं. यही हमारे गुरुओं का दिया हुआ मंत्र है. हम शांति चाहते हैं, लेकिन अपनी सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करते. ऑपरेशन सिंदूर इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. पूरी दुनिया ने इसे देखा है. नया भारत न डरता है, न रुकता है; आज भारत पूरी ताकत से आगे बढ़ रहा है.कुरुक्षेत्र में PM मोदी ने किया ‘पांचजन्य शंख चौक’ का उद्घाटन, शहीदी दिवस पर स्मारक सिक्का जारी

कुरुक्षेत्र सिख परंपरा का प्रमुख केंद्र है, बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारत की विरासत का अद्भुत संगम है. आज सुबह, मैं रामायण की नगरी अयोध्या में था, और अब मैं गीता की नगरी कुरुक्षेत्र में हूं. मैं श्री गुरु तेग बहादुर जी को उनके 350वें शहीदी दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. साथियों, पांच-छह साल पहले, एक और अद्भुत संयोग बना था जब 9 नवंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर पर अपना फैसला सुनाया था. पहले मैं प्रार्थना करता था कि राम मंदिर का निर्माण शुरू हो. सबकी प्रार्थना सुनी गई और उसी दिन राम मंदिर के पक्ष में फैसला आ गया. आज जब अयोध्या में धर्म ध्वजा फहराई गई, तो मुझे यहां उपस्थित जनसमूह का आशीर्वाद प्राप्त हुआ.

‘गुरु तेग बहादुर जी ने भी सत्य और न्याय को अपना धर्म माना’
कुरुक्षेत्र की इसी धरती पर भगवान कृष्ण ने कहा था कि सत्य के मार्ग पर चलते हुए, अपने धर्म के लिए प्राणों की आहुति देना श्रेष्ठ है. श्री गुरु तेग बहादुर जी ने भी सत्य और न्याय को अपना धर्म माना और इसकी रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी. इस ऐतिहासिक अवसर पर, भारत सरकार ने उनके सम्मान में एक डाक टिकट और एक विशेष सिक्का जारी किया है. कुरुक्षेत्र की पवित्र भूमि सिख परंपरा का प्रमुख केंद्र है.

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