तिलक स्नातकोत्तर महाविद्यालय में विश्व विजय दिवस के उपलक्ष्य में स्वामी विवेकानन्द जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर केंद्रित एक संगोष्ठी का आयोजन

तिलक स्नातकोत्तर महाविद्यालय में
विश्व विजय दिवस के उपलक्ष्य में स्वामी विवेकानन्द जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर केंद्रित एक संगोष्ठी का आयोज
कटनी। शासकीय तिलक स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कटनी में आज विश्व विजय दिवस के उपलक्ष्य
में स्वामी विवेकानन्द जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर केंद्रित एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ स्वामी विवेकानन्द जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन से हुआ। इस अवसर पर प्रांत सह प्रचारक श्री श्रवण जी और महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुनील कुमार वाजपेई ने अपने विचार रखे।
अपने उद्बोधन में महाकौशल सह प्रांत प्रचारक श्रवण सैनी जी ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द का शिकागो में दिया गया भाषण भारत की संस्कृति, अध्यात्म और सार्वभौमिक भाईचारे का अद्भुत परिचय था। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे विवेकानन्द जी के आदर्शों को अपने जीवन में आत्मसात करें और समाज तथा राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएँ।
प्राचार्य डॉ. सुनील कुमार वाजपेई ने कहा कि विवेकानन्द जी ने भारत की सहिष्णुता और “वसुधैव कुटुम्बकम्” की भावना को विश्व पटल पर स्थापित किया। उनका संदेश केवल भारत के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए पथप्रदर्शक है। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे कठिनाइयों से विचलित न होकर निरंतर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहें।
संगोष्ठी में वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि विश्व विजय दिवस केवल एक ऐतिहासिक स्मरण नहीं है, बल्कि यह दिन हमें आत्मगौरव, आत्मविश्वास और आत्मबल से जोड़ने का अवसर प्रदान करता है।
कार्यक्रम में उमेश जी,अमित कनकने,संजय त्रिपाठी,महाविद्यालय के प्राध्यापकगण, कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। सभी ने संकल्प लिया कि वे विवेकानन्द जी के जीवन से प्रेरणा लेकर अपने व्यक्तित्व और चरित्र को सुदृढ़ करेंगे।कार्यक्रम का सफल संचालन डॉक्टर माधुरी गर्ग प्राध्यापक विभागाध्यक्ष हिंदी ने किया।