भारतीय नौसेना में शामिल हुई परमाणु पनडुब्बी ‘अरिघात’, चीन-पाक की हर चाल को मात देने में सक्षम
भारतीय नौसेना में शामिल हुई परमाणु पनडुब्बी 'अरिघात', चीन-पाक की हर चाल को मात देने में सक्षम

विशाखापट्टनम: भारतीय नौसेना में शामिल हुई परमाणु पनडुब्बी ‘अरिघात’, चीन-पाक की हर चाल को मात देने में सक्षम है भारतीय नौसेना ने आज अपने बेड़े में एक नई परमाणु पनडुब्बी ‘अरिघात’ को शामिल किया है। यह पनडुब्बी महीनों तक पानी के अंदर रह सकती है और चीन और पाकिस्तान की हर चाल को मात देने में सक्षम है।
अरिघात’ को एडवांस्ड टेक्नोलॉजी वेसल (एटीवी) प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया है। यह पनडुब्बी पानी की सतह पर 12-15 समुद्री मील और समुद्र की गहराई में 24 समुद्री मील की गति से चल सकती है।
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आठ लॉन्च ट्यूब
इस पनडुब्बी पर आठ लॉन्च ट्यूब होंगे, जो 750 किमी. रेंज वाली 24 K-15 सागरिका मिसाइलों या 3,500 किमी. की रेंज वाली 8 K-4 मिसाइल तक ले जा सकती हैं अरिघात’ के शामिल होने से भारतीय नौसेना की ताकत में इजाफा होगा और यह चीन और पाकिस्तान की हर चाल को मात देने में सक्षम होगी।
29 अगस्त को यह घातक परमाणु पनडुब्बी भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल
चीन और पाकिस्तान की हर चाल को मात देने के लिए भारतीय नौसेना हिंद महासागर में INS अरिघात उतारेगी. 29 अगस्त को यह घातक परमाणु पनडुब्बी भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हो सकती है. INS अरिघात भारतीय नौसेना की अरिहंत क्लास की दूसरी सबमरीन है. अरिहंत संस्कृत का शब्द है, जिसका अर्थ है ‘दुश्मन का विनाशक’. भारतीय नौसेना 28 अगस्त को अपने हथियारों के जखीरे में आईएनएस अरिघात को शामिल करेगी
यह भारत की दूसरी न्यूक्लियर पनडुब्बी
यह भारत की दूसरी न्यूक्लियर पनडुब्बी है, जिसे पूरी तरह से अपने ही देश में बनाया गया है. यह पनडुब्बी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में नौसेना में शामिल होगी. आईएनएस अरिघात हमारी वॉटर सिक्योरिटी को यानी हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा प्रदान करेगी.
परमाणु मिसाइलों से लैस पनडुब्बी आईएनएस अरिघात को विशाखापट्टनम के जहाज निर्माण केंद्र पर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी वेसल ATV प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया है. ये अरिहंत क्लास न्यूक्लियर पावर से लैस सबमरीन है.