कटनी। कोतवाली तिराहे के समीप जिला अस्पताल रोड की ओर आज धनतेरस की शाम 4 बजे के लगभग एक ई रिक्शा आकर रुका। ई रिक्शा में दो महिलाएं दो बच्चों के साथ सवार थी। आटो के रुकते ही एक महिला ने आटो वाले से कहा कि भैया हम लोगों को बाजार के अंदर जाना है, अंदर ले चलो। जिसके जबाब में ई रिक्शा चालक ने कहा कि मैडम अंदर नहीं जा सकते। पुलिस ने सख्त हिदायत दी है कि त्योहार की ग्राहकी तक बाजार के अंदर नो एन्ट्री है। पकड़ा गया तो लम्बा जुर्माना भरना पड़ेगा। फिर दूसरी महिला ने कहा कि यहां पुलिस है यहां से नहीं जा सकते न आगे मोहन टाकीज वालीं रोड से चलो। फिर ई रिक्शा चालक ने कहा कि वहॉं भी पुलिस लगी है और अंदर सुभाष चौक में भी और स्टेशन चौराहे पर भी। यातायात प्रभारी ने त्योहार के पहले आटो और ई रिक्शा चालकों की बैठक लेकर सख्त हिदायत दी है कि कोतवाली तिराहे से लेकर दक्षिण मुखी हनुमानजी महराज मंदिर तक धनतेरस से लेकर दिवाली तक नो एन्ट्री रहेगी और आटो ई रिक्शा चालक संघ ने भी यातायात पुलिस का सहयोग करने का वायदा किया है। इसलिए मैं बाजार के अंदर नहीं जाऊंगा, यहां से आपको पैदल ही जाना पड़ेगा। इस प्रकार महिलाओं की काफी जद्दोजहद के बावजूद ई रिक्शा चालक अंदर नहीं गया और महिलाएं बच्चों के साथ ई रिक्शा से उतर कर पैदल बाजार के अंदर खरीदारी करने चली गई। यह पूरा वाक्या मैं एक चाय की दुकान पर चाय की चुस्की लेते हुए देख रहा था। इस वाक्ये का सार यह है कि पुलिस अधीक्षक अभिजीत कुमार रंजन के दिशा निर्देश पर यातायात प्रभारी राहुल पांडे के द्वारा बाजार में पर्व की ग्राहकी के दौरान यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के हर सम्भव प्रयास किए जा रहे हैं और यातायात पुलिस की सख्ती का असर आटो व ई रिक्शा चालकों में भी देखने को मिल रहा है। यह बात और है कि कुछ कमियों के कारण कुछ आटो व ई रिक्शा चालक गणेश चौक के पास से, सब्जी मंडी मार्ग व कमानिया गेट मार्ग सहित ऐसे अन्य मार्गों से अपना वाहन सवारी के दबाव में बाजार के अंदर लेकर आ गए क्योंकि इन मार्गों वाहन रोकने पुलिस तैनात नहीं थी। यदि इन मार्गों में भी पुलिस तैनात हो जाए तो यहां से भी वाहन अंदर नहीं आ सकेंगे।
जाम की असली वज़ह 10 फिट की दुकान और दुकान के बाहर 20 फिट तक समान
शहर में वाहनों के दबाव को भले ही जाम के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है लेकिन जाम की स्थिति निर्मित होने के लिए शहर के अधिकांश व्यापारी है। जिनकी दुकान 10 फिट है लेकिन उनका समान दुकान के बाहर सड़क पर 20 फिट तक फैला रहता है। जिसके कारण सड़कें वाहनों के चलने के लिए बचती ही नहीं है। जिसके कारण जाम की स्थिति निर्मित होती है। इसलिए चालानी कारवाई वाहन चालकों की जगह ऐसे व्यापरियों का होना चाहिए जो अपनी दुकान की हद के बाहर समान रखकर व्यापार करते हैं। व्यापारी उन्हीं सड़कों पर कब्जा किए रहते हैं, जिनमें वाहनों को चलने का अधिकार है।