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जबलपुर: किसानों ने पराली जलाने के मामले में सरकार के आदेश का विरोध किया, पूछा- उद्योगों पर कितनी एफआईआर?

जबलपुर: किसानों ने पराली जलाने के मामले में सरकार के आदेश का विरोध किया, पूछा- उद्योगों पर कितनी एफआईआर?

जबलपुर: किसानों ने पराली जलाने के मामले में सरकार के आदेश का विरोध किया, पूछा- उद्योगों पर कितनी एफआईआर?। एक बार फिर किसान और सरकार आमने-सामने होते नजर आ रहे हैं. मध्य प्रदेश सरकार ने धान की पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ थानों में मुकदमे दर्ज करने का आदेश दिया है. भारतीय किसान संघ इसी आदेश के खिलाफ जबलपुर कलेक्ट्रेट के सामने पराली लेकर इकट्ठा हो रहा है।

भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्रा ने मंगलवार को इस मामले को लेकर किसानों के साथ रणनीति तैयार की है. भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने कहा है कि धान की पराली जलाने से प्रदूषण नहीं हो रहा है बल्कि धान की परली से ज्यादा प्रदूषण तो उद्योगों के जरिए हो रहा है।

पूछा सवाल, उद्योगों पर प्रदूषण को लेकर कितनी FIR?

भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, ” पराली से ज्यादा प्रदूषण उद्योगों से हो रह है पर सरकार ये बताए कि अबतक कितने उद्योगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है. यदि सरकार को प्रदूषण से इतनी ही आपत्ति है तो प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों के खिलाफ भी मुकदमे दर्ज होने चाहिए.” किसान संघ के नेता का कहना है कि यह सही है कि भारतीय किसान संघ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का हिस्सा है लेकिन किसान संघ सरकार के हर फैसले को मानने के लिए मजबूर नहीं है और जहां टकराव की स्थिति आएगी वहां किसान संघ सरकार की बात नहीं मानेगा.

जबलपुर नें पराली लेकर कलेक्ट्रेट पहुंच रहे किसान

भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्रा के नेतृत्व में बुधवार सुबह 10:00 बजे जबलपुर कलेक्टरेट के सामने किसान पराली लेकर इकट्ठे होंगे. दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार ने आदेश जारी किया है कि जो किसान अपने खेत में पराली जलाएंगे उनके खिलाफ प्रशासन को मुकदमे दर्ज करने होंगे. जबलपुर कलेक्टर ने भी इसी तरह का आदेश जारी किया है. इसी के खिलाफ मोहिनी मोहन मिश्रा किसानों के साथ सड़क पर उतरकर आंदोलन कर रहे हैं.

महाधिवक्ता व वकीलों से मिले किसान नेता

वही मंगलवार को मोहिनी मोहन मिश्रा ने मध्य प्रदेश के महाधिवक्ता प्रशांत सिंह और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के वकीलों से भी मुलाकात की क्योंकि जबलपुर हाईकोर्ट के कुछ वकीलों ने कहा था कि यदि किसानों ने पराली जलाईं तो उनका मुकदमा वकील नहीं लड़ेंगे. किसान संघ के नेता ने इस पर कहा, ” वकीलों को ऐसा नहीं कहना चाहिए भारतीय संविधान में हर आदमी को अपने अधिकार की लड़ाई लड़ने का पूरा मौका मिलना चाहिए.।

जबलपुर: किसानों ने पराली जलाने के मामले में सरकार के आदेश का विरोध किया, पूछा- उद्योगों पर कितनी एफआईआर?

 

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