इंडिया फर्स्ट लाईफ इंश्योरेंस कंपनी की पालिसी बेचने के नाम पर वृद्ध दंपत्ति से एजेंट ने की 2 लाख की ठगी, पुलिस अधीक्षक व कोतवाली प्रभारी से कार्रवाई की मांग

कटनी। इंडिया फर्स्ट लाईफ इंश्योरेंस कंपनी की पालिसी बेचने के नाम पर एक दंपत्ति के साथ 2 लाख 5 हजार रूपए की धोखाधड़ी का मामला प्रकाश में आया है। वृद्ध दंपत्ति के द्धारा इस संबंध में एक शिकायत पुलिस अधीक्षक व कोतवाली प्रभारी से करते हुए आरोपी एजेंट पर कार्रवाई और रकम वापस दिलाने की मांग की गई है। पुलिस को दिए गए शिकायती पत्र की प्रति यशभारत डाट काम को उपलब्ध कराते हुए मसुरहा वार्ड निवासी जगन्नाथ प्रसाद नामदेव ने बताया कि इंडिया फर्स्ट लाईफ इंश्योरेंस कंपनी के एजेंट उमंग खरे के द्धारा उनके साथ 2 लाख 5 हजार रूपए की धोखाधड़ी की गई है। एजेंट उमंग खरे के द्धारा उनकी पत्नी श्रीमती सविता नामदेव के नाम पर पालिसी क्रमांक-20351903 एवं उनके स्वयं के नाम पर पालिसी क्रमांक 20440559 की गई लेकिन पालिसी की अवधि पूरी होने के बावजूद उन्हे पालिसी की रकम नहीं दिलार्द जा रही है। श्रीमति सविता नामदेव व जगन्नाथ प्रसाद नामदेव की पालिसी क्रमांक. यू.जी.-4139062 एवं यू.यू.-6104096 से क्रमश: एक-एक लाख रूपये की किश्त जमा कराई गई जो जगन्नाथ प्रसाद नामदेव यूनियन बैंक खाता क्रमांक-328802010051414 से धोखाधड़ी करके निकालकर उक्त बीमा कर दिये गये, जिसकी जानकारी उमंग खरे के द्धारा पीड़ित दंपत्ति को नहीं दी गई। अचानक पासबुक के स्टेट् मेंन्ट से मिलान किया गया, तब पता चला कि उक्त राशि से नये बीमा कर दिये गये हैं। इसी बीच एजेंट उमंग खरे के द्वारा जगन्नाथ प्रसाद नामदेव को यह बताया गया कि आपकी पालिसी से बंद करते समय आपके खाते में अधिक राशि 73,999 रूपये आ गई है। इस राशि को कम्पनी को वापिस करना होगा जबकि पालिसी से किसी प्रकार की अधिक राशि का विवरण कंपनी के रिकार्ड में नहीं है। बाद में पता चला कि एजेंट उमंग खरे द्वारा अपने खाता क्रमांक-10133792502 में उक्त राशि जमा कर दी गई है, जिसे यूनियन बैंक के मैनेजर द्वारा लिखित प्रमाणित कर पत्र भी दिया गया है। जगन्नाथ प्रसाद नामदेव ने स्वयं व पत्नी के साथ की गई इस तरह की धोखाधड़ी के मामले में आरोपी एजेंट उमंग खरे पर कार्रवाई करते हुए रकम वापस दिलाने की मांग की है।