IAS पूजा खेडकर मामला: वीआईपी मांगों को लेकर फंसी आईएएस, खेडकर को पुणे सिटी ट्रैफिक पुलिस का नोटिस आया। आईएएस पूजा खेडकर का नाम आजकल काफी सुर्खियों में हैं। उनकी नियुक्ति को लेकर देशभर में घमासान मचा हुआ है। अब इस मामले में एक और नया दावा किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि प्रोबेशनर आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने अपनी शक्तियों का गलत फायदा उठाने का प्रयास किया था। उन्होंने चोरी के एक मामले में गिरफ्तार एक व्यक्ति को रिहा करने के लिए डीसीपी रैंक के अधिकारी पर कथित तौर पर दबाव बनाने की कोशिश की थी। वहीं पुणे में रहते हुए पूजा खेडकर जिस निजी ऑडी कार का इस्तेमाल कर रही थीं, उसपर कई चालान होने की बात सामने आई है।
वहीं, आईएएस पूजा से जब पत्रकारों ने कुछ सवाल किए तो उन्होंने कहा कि वह इस मामले पर कुछ भी नहीं बोल सकती हैं। उन्हें इजाजत नहीं है।
वीआईपी मांगों को लेकर फंसी आईएएस पूजा खेडकर
2023 बैच की आईएएस पूजा खेडकर पर पुणे में बतौर प्रोबेशन आईएएस अधिकारी रहते हुए सत्ता के दुरुपयोग का आरोप है। बताया जा रहा है कि उन्होंने कई विशेषाधिकारों की मांग की, जो प्रोबेशन अधिकारियों को नहीं मिलते हैं। आईएएस पूजा ने अपनी निजी ऑडी कार का इस्तेमाल किया, महाराष्ट्र सरकार का स्टिकर लगाया और यहां तक कि लाल बत्ती भी लगाई।
खेडकर को पुणे सिटी ट्रैफिक पुलिस का नोटिस
आईएएस खेडकर को पुणे सिटी ट्रैफिक पुलिस को नोटिस मिला है। वाहन पर अनधिकृत लाल बत्ती के उपयोग और महाराष्ट्र सरकार के उल्लेख के लिए नोटिस दिया गया। पुलिस जांच के दौरान लग्जरी ऑडी कार निजी इंजीनियरिंग कंपनी के नाम पर पंजीकृत पाई गई है। कंपनी की इस गाड़ी पर यातायात नियमों के उल्लंघन की 21 शिकायतें हैं और 27 हजार रुपये जुर्माना लगा है। मगर सवाल ये उठता है कि पुणे पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की थी?
नोटिस में कहा गया है, ‘हमें पता चला है कि आपके निजी वाहन के आगे और पीछे महाराष्ट्र सरकार लिखा हुआ है। वहीं एक लाल बत्ती भी लगाई गई है।’
बताया जा रहा है कि एक पुलिस अधिकारी नोटिस देने के लिए उनके पुणे वाले घर पर गया था, मगर वहां कोई नहीं मिला।
इस शख्स को बचाने के लिए बनाया था दबाव
वहीं, नवी मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र सरकार को जानकारी दी है कि ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने चोरी के एक मामले में गिरफ्तार एक व्यक्ति को रिहा करने के लिए डीसीपी रैंक के अधिकारी पर कथित तौर पर दबाव बनाने की कोशिश की थी।
बताया जा रहा है कि यह मामला 18 मई का है। एक चोरी के मामले में ट्रांसपोर्टर ईश्वर उत्तरवड़े को पनवेल पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इस पर खेडकर ने कथित तौर पर पुलिस उपायुक्त विवेक पानसरे को फोन किया और उत्तरवड़े को छोड़ने का अनुरोध किया था।
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आईएएस अधिकारी या कोई धोखेबाज
एक अधिकारी ने बताया कि खेडकर ने डीसीपी से कहा था कि ईश्वर उत्तरवड़े बेकसूर है और उसके खिलाफ लगाए गए आरोप मामूली हैं। पानसरे के साथ फोन पर बातचीत के दौरान खेडकर ने खुद का परिचय बतौर आईएएस अधिकारी दिया था। हालांकि, डीसीपी इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं थे कि फोन करने वाली महिला सच में आईएएस अधिकारी है या कोई धोखेबाज।
उन्होंने आगे बताया कि नवी मुंबई पुलिस ने फोन को गंभीरता से नहीं लिया और उत्तरवड़े के खिलाफ कार्रवाई की। आरोपी अब भी न्यायिक हिरासत में है।
अधिकारी ने कहा कि 32 साल की आईएएस अधिकारी के आचरण के बारे में पता चलने के बाद नवी मुंबई पुलिस ने पुणे के कलेक्टर कार्यालय और गृह विभाग के एक वरिष्ठ कर्मचारी से संपर्क किया। गृह विभाग के अधिकारी की सलाह पर डीसीपी पानसरे ने नवी मुंबई पुलिस आयुक्त मिलिंद भरांबे के जरिए मुख्य सचिव सुजाता सौनिक को दो पन्नों की रिपोर्ट भेजी। बता दें, सुजाता गृह विभाग का अतिरिक्त प्रभार संभाल रही हैं।
बता दें, खेडकर हाल ही में उस समय सुर्खियों में छा गईं, जब अलग केबिन और स्टाफ जैसी मांगों को लेकर विवाद खड़ा होने के बाद प्रशिक्षण पूरा होने से पहले ही उनका तबादला पुणे से वाशिम जिले में कर दिया गया।
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