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हमास का खूनी खेल: इस्राइल की मदद के आरोप में तीन फलस्तीनियों को सरेआम गोलियों से भूना, भीड़ ने लगाए नारे

हमास का खूनी खेल: इस्राइल की मदद के आरोप में तीन फलस्तीनियों को सरेआम गोलियों से भूना, भीड़ ने लगाए नारे

हमास का खूनी खेल: इस्राइल की मदद के आरोप में तीन फलस्तीनियों को सरेआम गोलियों से भूना, भीड़ ने लगाए नारे। फलस्तीन के गाजा और वेस्ट बैंक में इस्राइल की तरफ से जारी हमलों के बीच कट्टरपंथी संगठन हमास से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। बताया गया है कि हमास ने रविवार को तीन फलस्तीनी नागरिकों को सरेआम सड़क पर मौत के घाट उतार दिया। जिन लोगों की जान ली गई है, उन पर इस्राइल की मदद करने का आरोप था।

हमास से संबंधित टेलीग्राम चैनल पर पोस्ट किए गए इस वीडियो में तीन लोगों को सड़क पर घुटने के बल बैठे देखा जा सकता है। उनकी आंखों पर पट्टी बंधी हुई है, जबकि उनके पीछे तीन बंदूकधारी ऑटोमैटिक बंदूकें लेकर खड़े हैं। इस दौरान बंदूक लिए एक व्यक्ति अरबी में तीनों की मौत का आदेश पढ़ता है।
मध्य पूर्व रिपोर्टिंग और विश्लेषण से जुड़ी समिति ने ब्रिटिश अखबार टेलीग्राफ को जो जानकारी उपलब्ध कराई, उसके मुताबिक हमास के लड़ाकों ने कहा, “फलस्तीनी क्रांतिकारी कानून की सामग्री के अनुसार और फलस्तीनी क्रांतिकारी अदालत के आधार पर, उन लोगों के खिलाफ मौत की सजा का फैसला किया गया था जिन्होंने मातृभूमि को धोखा दिया, अपने लोगों को धोखा दिया और अपने उद्देश्य को धोखा दिया, और अपने ही लोगों को मारने के लिए कब्जा करने वालों के साथ हाथ मिलाया।”

बताया गया है कि तीनों लोगों को सिर पर और शरीर के ऊपरी हिस्से में गोलियां मारी गईं। इसके बाद उनके शव पर कुछ कागज चिपकाए गए, जिनमें अरबी में लिखा था, “तुम्हारा धोखा बिना सजा के नहीं होगा। एक कठोर सजा तुम्हारा इंतजार कर रही है।”

हमास के गृह मंत्रालय ने मारे गए तीनों लोगों पर इस्राइल से मिले होने का आरोप लगाया। दूसरी तरफ इस्राइली अखबार इस्राइल हयोम ने कहा कि इस्लामिक जिहाद और मुजाहिद्दीन ब्रिगेड्स ने इस हत्या में भूमिका निभाई।

गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब हमास ने फलस्तीन के ही नागरिकों के खिलाफ बर्बरता की है। इससे पहले मई में भी हमास के लड़ाकों ने छह फलस्तीनियों को सरेआम मौत की सजा दी थी। इन पर तब मानवीय सहायता के तौर पर भेजे गए सामान की लूट का आरोप लगा था। 13 अन्य लोगों को उनके पैर पर गोली मारकर सजा दी गई थी।

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