मरही माता मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा में हुआ गोपी गीत, महारास और रुक्मिणी विवाह का भव्य वर्णन

मरही माता मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा में हुआ गोपी गीत, महारास और रुक्मिणी विवाह का भव्य वर्ण
कटनी – आजाद चौक स्थित मरही माता मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा का भव्य आयोजन चल रहा है। इस पवित्र कथा का वाचन प्रख्यात कथावाचक पंडित राम हर्ष महाराज जी द्वारा किया जा रहा है, जिनकी मधुर वाणी और भक्ति-भावपूर्ण प्रस्तुति श्रोताओं को आनंदित कर रही है। आज की कथा में गोपी गीत, महा रास, और रुक्मिणी विवाह के प्रसंगों का मनोहारी वर्णन हुआ, जिसने सभी श्रोताओं को भक्ति के रंग में सराबोर कर दिया।
श्रीमद् भागवत पुराण हिंदू धर्म का एक अमूल्य ग्रंथ है, जो भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं और उनके दैवीय प्रेम का वर्णन करता है। आज की कथा में पंडित राम हर्ष महाराज जी ने गोपी गीत की व्याख्या की, जिसमें गोपियों की भगवान श्रीकृष्ण के प्रति अनन्य भक्ति और प्रेम को दर्शाया गया। गोपी गीत में गोपियों का विरह और श्रीकृष्ण के प्रति उनकी तीव्र प्रेम भावना को पंडित जी ने इतने प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया कि श्रोता भाव-विभोर हो गए। इसके बाद महा रास का प्रसंग सुनाया गया, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के साथ रासलीला की। यह रासलीला भक्ति और आत्मा का परमात्मा के साथ मिलन का प्रतीक है, जिसे पंडित जी ने अत्यंत सरल और आध्यात्मिक ढंग से समझाया।
कथा का एक अन्य महत्वपूर्ण हिस्सा रुक्मिणी विवाह का प्रसंग था। पंडित जी ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण ने रुक्मिणी जी के प्रेम और समर्पण को स्वीकार करते हुए उनका हरण कर विवाह किया। यह कथा प्रेम, विश्वास, और धर्म के प्रति निष्ठा का प्रतीक है। रुक्मिणी जी ने श्रीकृष्ण को पत्र लिखकर अपनी भावनाएं व्यक्त की थीं, और भगवान ने उनके प्रेम का सम्मान करते हुए उन्हें अपने जीवन में स्थान दिया। इस प्रसंग ने श्रोताओं को यह सिखाया कि सच्चा प्रेम और विश्वास हर बाधा को पार कर सकता है।
मरही माता मंदिर का वातावरण आज भक्ति और उत्साह से परिपूर्ण था। कथा के दौरान भजनों और कीर्तन में श्रोताओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिससे समारोह और भी जीवंत हो गया। पंडित राम हर्ष महाराज जी ने श्रोताओं को श्रीकृष्ण की इन लीलाओं से प्रेरणा लेने का आह्वान किया और कहा कि भक्ति और प्रेम के माध्यम से जीवन को सार्थक बनाया जा सकता है। यह आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और नैतिक मूल्यों को भी प्रोत्साहित करता है।







