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Gajab 9,000 से ज्यादा दवाएं घटिया क्वॉलिटी की पाई गईं, 951 दवाएं या तो नकली थीं या मिलावटी

नई दिल्ली।Gajab है, तीन सालों में देशभर में दवाओं के 3 लाख से ज्यादा सैंपल टेस्ट किए गए, जिनमें से 9,000 से ज्यादा दवाएं घटिया क्वॉलिटी की पाई गईं। 951 दवाएं या तो नकली थीं या मिलावटी थीं। उनमें से सबसे ज्यादा यानी 3,104 दवाएं साल 2024-25 में मानकों पर खरी नहीं उतर पाईं।

  • 905 दवा निर्माण इकाइयों की जांच की गई, जिनमें से 694 मामलों में कार्रवाई हुई।
  • स्टॉप प्रोडक्शन ऑर्डर, लाइसेंस रद्द करना, वॉर्निंग लेटर और शोकॉज नोटिस जैसी कार्रवाई शामिल है।

गृह मंत्रालय दे चुका है जांच का आदेश

बता दें कि साल 2024 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार के अस्पतालों में ‘घटिया’ दवाओं की आपूर्ति के मामले की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया था। तब यह भी कहा गया था कि सीबीआई यह भी जांच करेगी कि क्या मोहल्ला क्लीनिक के माध्यम से इन दवाओं का वितरण किया गया है नहीं। दरअसल, साल 2023 में दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के.सक्सेना ने गृह मंत्रालय से मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। सक्सेना ने कहा था कि ये दवाएं कथित तौर पर गुणवत्ता मानक परीक्षण में विफल रहीं और दिल्ली सरकार द्वारा चलाए जा रहे अस्पतालों में लोगों की जान के लिए संभावित खतरा बन सकती थीं।

राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सरकार ने यह जानकारी दी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि दिसंबर 2022 से देशभर में दवा बनाने वाली फैक्ट्रियों की जोखिम के आधार पर निरीक्षण प्रणाली शुरू की गई है। अब तक 905 दवा निर्माण इकाइयों की जांच की गई, जिनमें से 694 मामलों में कार्रवाई हुई। उनमें स्टॉप प्रोडक्शन ऑर्डर, लाइसेंस रद्द करना शामिल है।

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