दमोह में फर्जी कार्डियोलाजिस्ट ने किया इलाज, 7 मरीजों की मौत होने का आरोप!

दमोह में फर्जी कार्डियोलाजिस्ट ने किया इलाज, 7 मरीजों की मौत होने का आरोप! । नगर में मिशनरी संस्था द्वारा संचालित मिशन अस्पताल प्रबंधन एक बार फिर गंभीर आरोपों के घेरे में हैं। दमोह निवासी शिकायतकर्ता दीपक तिवारी का आरोप है कि जनवरी से मार्च 2025 के बीच इलाज के दौरान करीब सात लोगों की मौत गलत तरीके से इलाज किए जाने से हो गई है। कहना है कि मौतों की संख्या और भी बढ़ सकती है। शिकायत के बाद राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। आरोप है कि अस्पताल के कार्डियोलाजी विभाग में एक फर्जी चिकित्सक द्वारा भर्ती मरीजों का इलाज किया गया और इस दौरान कई मरीजों की मौत भी हुई है। इसी मामले में सरकार की आयुष्मान योजना का फर्जीवाड़ा भी सामने आ रहा है। हालांकि इन गंभीर आरोपों के संबंध में अभी तक अस्पताल प्रबंधन का कोई पक्ष सामने नहीं आया है।
यह है पूरा मामला
मामले में शिकायतकर्ता दीपक पिता जगदीश प्रसाद तिवारी निवासी जबलपुर नाका द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार नगर के मिशन अस्पताल के कार्डियोलाजी विभाग में पिछले माह जनवरी 2025 से फरवरी 2025 तक कई लोगों की मृत्यु कार्डियोलाजी विभाग मिशन अस्पताल दमोह के आयोग्य व अनाधिकृत डाक्टर के इलाज से होना पाया गया है।
उक्त मिशन अस्पताल में कार्डियोलाजी विभाग में पिछले डेढ़ माह में डाॅ. एनजोन केम द्वारा इलाज किया गया है। आरोप यह है कि डा. एनजोन केम जो काॅर्डियोलाजिस्ट बनकर अस्पताल में कार्य कर रहा था।
उसका वास्तविक नाम नरेन्द्र विक्रमादित्य यादव है, जो फर्जी नाम से मिशन अस्पताल के कार्डियो विभाग में कार्य कर रहा था और उसके गलत इलाज से ही मरीजों की मौत हुई है।
इसके अलावा संबंधित डाॅक्टर के पूर्व में भी लगातार विवादों में रहने और किसी भी स्थान पर अधिक समय तक न रहने जैसी बातें सामने आई है।
प्रबंधन को भी रखा कठघरे में
इस मामले में मिशन अस्पताल प्रबंधन से जुड़े लोगों को भी आरोपों के घेरे में रखा गया है।
आरोप लगाए गए हैं कि अस्पताल में कार्डियोलाजी विभाग में जितने लोगों की मृत्यु हुई है, उसकी सूचना भी संबंधित थाने या अस्पताल चौकी को नहीं दी गई है।
साथ ही गलत इलाज से मृत व्यक्तियों के स्वजन को समझा बुझाकर उनसे मोटी फीस वसूल कर उन्हें बिना पोस्टमार्टम कराए परिजनों को शव के जाने दिया गया।
इस पूरे मामले में अस्पताल के प्रबंधक संजीव लेम्बर्ड व विजय लेम्बर्ड व दिलीप खरे आरोपों के घेरे में हैं।
विदेश से प्रशिक्षित बताया गया डाॅक्टर
उक्त समयावधि के दौरान अस्पताल में कार्यरत बताए गए डाॅ. एन जान केम ने स्वयं को विदेश से शिक्षित और प्रशिक्षित प्रदर्शित किया था, लेकिन शिकायतकर्ताओं के अनुसार उक्त डाक्टर नरेन्द्र विक्रमादित्य यादव उर्फ डा. एन जान केम का स्पष्ट रिकार्ड नहीं है और उसने यूनाईटेड किंगडम के जानेमाने हृदय रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर जान केम के नाम का दुरूपयोग किया है। बताया यह भी जा रहा है कि यह जान केम सेंट जार्ज यूनिवर्सिटी ाफ लंदन से हैं और इस नाम के डाक्टर द्वारा एक समाचार पत्र में उनकी पहचान छिपाए जाने का दावा भी किया गया है।
आयुष्यमान के चलते आए मरीज
बताया जा रहा है कि मिशन अस्पताल प्रबंधन द्वारा कुछ समय पूर्व ही अस्पताल में कार्डियोलाजी विभाग को शासन की योजना से जोड़ा गया था। इसके चलते बहुत से लोग इस सुविधा के लाभ के लिए मिशन अस्पताल में इलाज कराने आए थे जिनके इलाज के नाम पर आयुष्मान योजना से भी राशि ली गई है। इसके अलावा भी आयुष्मान योजना का सही तरीके से क्रियान्वयन ना होने के आरोप लगाए गए हैं।
इन बिंदुओं पर आयोग ने लिया संज्ञान
मामले को लेकर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने बताया कि उन्हें मध्य प्रदेश के दमोह में संचालित मिशन अस्पताल में हृदय रोग के मरीजों के नकली डॉक्टर के इलाज के चलते उनकी मौत होने की शिकायत और साथ ही इस इलाज के दौरान आयुष्यमान योजना की राशि गलत तरीके से लिए जाने की शिकायत सामने आई है। मामला गंभीर प्रकृति का होने के चलते शिकायत पर जांच के आदेश दिए गए हैं।