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रोजाना 10 मिनट का सूर्य नमस्कार आपको कई बीमारियों से तो बचता ही है बाकी कई चीजों में भी काफी मददगार है

रोजाना 10 मिनट का सूर्य नमस्कार आपको कई बीमारियों से तो बचता ही है बाकी कई चीजों में भी काफी मददगार है सूर्य नमस्कार या सूर्य का अभिनंदन, एक संपूर्ण वर्कआउट सीक्वेंस है जिसमें 12 योगा पॉश्चर होते हैं। यह बॉडी और ब्रेन के बीच तालमेल का अभ्यास है और इसे खासतौर से सूर्य को नमस्कार करने के लिये तैयार किया गया है। यह एक बेहतरीन कार्डियोवेस्कुलर वर्कआउट है। बिना प्रॉप का इस्तेमाल किए इसका अभ्यास किया जाता है। अगर पूरी बॉडी का प्रयोग कर इसका अभ्यास किया जाता है तो इसका शारीरिक और मानसिक दोनों रूपों में फायदा मिलता है। सूर्य नमस्कार के हर स्‍टेप का एक अनूठा लाभ मिलता है और यह अपने आपमें एक पूर्ण आसन है। अगर इन पॉश्चर्स का अभ्यास एक खास क्रम में किया जाये तो इससे बॉडी अंदर और बाहरी दोनों तरह से एनर्जी और ताजगीभरा हो जाती है। आइए आज हम रोजाना सिर्फ 10 मिनट सूर्य नमस्‍कार करने के फायदों के बारे में जानें।

*ये आसन सूर्य नमस्कार का पूरा सेट तैयार करते हैं:*

प्रणाम मुद्रा

हस्तो उत्तासन

पाद हस्तासन

अश्वा संचालन

दंडासन

अष्टांग नमस्कार

भुजंगासन

अधोमुखास्वानआसन

अश्वा संचालन

पाद हस्तासन

हस्तो उत्तासन

प्रणाम मुद्रा

रोजाना 10 मिनट का सूर्य नमस्कार आपको कई बीमारियों से तो बचता ही है बाकी कई चीजों में भी काफी मददगार है

*एक्‍सपर्ट की राय*

सर्वा योगा, माइंडफुलनेस एंड बियोंड के को फाउंडर श्री सर्वेश शशि का कहना हैं कि ”सूर्यनमस्कार से शरीर की अच्छी स्ट्रेचिंग होती है, जिसका अर्थ है कि यह शरीर के अधिकांश अंगों पर अपना असर दिखा रहा है। यह टखनों, पैरों और तलुओं को मजबूती देने के साथ, कार्डिएक मसल्स को मजबूत बनाता है। इन आसनों की शुरुआत और अंत हाथों को नमस्ते की मुद्रा से होती है, जोकि ब्रेन के दायें और बायें हिस्से को जोड़ता है। पेट की मसल्‍स की स्ट्रेच और दबाव से इस आसन की वजह से पाचन क्रिया बेहतर होती है और इससे आंतों की सेहत बेहतर होने में मदद मिलती है। साथ ही यह शरीर को मुख्य हिस्सों से टोन होने के लिये तैयार करता है और उसके आस-पास के हिस्से। के अतिरिक्त फैट को कम करने का काम करता है।”

*सूर्य नमस्‍कार के फायदे*

यह आसन जोड़ों की तकलीफों और दर्द को दूर करने में काफी फायदेमंद होता है। यह अभ्यास करने वाले का लचीलापन बेहतर बनाता है, उन्हें लचीला और मजबूत बनाने में मदद करता है। यह आर्थराइटिस, सायटिका और इसी तरह की अन्य बीमारियां दूर करने में मदद करता है। सूर्य नमस्कार का अभ्यास करने से नर्वस सिस्टम और स्पाइनल कॉर्ड प्रेरित होते हैं, इससे ना केवल शारीरिक लाभ मिलता है, बल्कि मानसिक सेहत के लिये भी अच्छा होता है।

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अक्सर यह माना जाता है कि त्वचा पर समय पूर्व नज़र आने वाली झुर्रियां सूर्य नमस्कार के साथ त्वचा की सेहत को बेहतरीन रखता है। सूर्य नमस्कार शरीर के टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे त्वचा को डिटॉक्स करने मे मदद मिलती है और इससे त्वचा की सेहत तथा निखार दोनों ही बेहतर होता है। एक शांत दिमाग, अच्छा पाचन और बेहतर ब्‍लड सर्कुलेशन चेहरे पर कांति लाने का फॉर्मूला है।

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