कैमोर। कैमोर में आयोजित किये जाने वाले ऐतिहासिक दशहरा महोत्सव को एसीसी अडानी मैनेजमेंट की ओर से हरी झंडी मिल गई है।
इस बार भी पूर्व परम्परा के अनुरूप ही मनेगा दशहरा
गत दिनों आयोजन को लेकर श्रमिक संगठनों और एसीसी अडानी प्रबंधन के उच्चाधिकारियों की बैठक में निर्णय लिया गया कि दशहरा महोत्सव हर बार की तरह इस बार भी पूरी भव्यता और गरिमा के साथ पूर्व परंपरा के अनुरूप ही आयोजित किया जाएगा।
रावण के विशाल पुतले का निर्माण कर विजयादशमी की शाम पुतला दहन किया जाएगा। रामलीला का मंचन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी होगी। कैमोर के दशहरा आयोजन को मैनेजमेंट की स्वीकृति प्राप्त हो जाने से नगरवासियों में प्रसन्नता और हर्ष की लहर व्याप्त है।
उल्लेखनीय है कि एसीसी द्वारा कैमोर में आयोजित किया जाने वाला दशहरे के अनूठा आयोजन पूरे सम्भाग या प्रदेश बस में नहीं बल्कि पूरे देश में प्रसिद्ध है। दशहरे की शाम आकर्षक आतिशबाजी के बाद अग्निबाण से रावण के विशालकाय पुतले के दहन का रोमांचक नज़ारा देखने लाखों दर्शक रामलीला मैदान में उमड़ते हैं।
लगभग एक महीने इस महोत्सव की धूम रहती है। हर साल दशहरे के कम से कम दो तीन महीने पहले से इसकी तैयारियां शुरू हो जाती हैं।
कुछ दिनों पूर्व उत्तर प्रदेश के हाथरस में आयोजित एक धर्मिक कार्यक्रम में भगदड़ हो जाने के कारण लगभग डेढ़ सैकड़ा लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे के कुछ ही दिनों बाद कैमोर में दशहरा को लेकर बैठक आयोजित होनी थी जो टाल दी गई।
इसके बाद से ही यह आशंका हो गई थी कि इस बार दशहरे पर आयोजन होगा या नहीं। दशहरा पर्व नज़दीक आता जा रहा था पर मैनेजमेंट के साथ श्रमिक संगठनों की बैठक टलती ही जा रही थी। इंटक यूनियन और मजदूर संघ इसके लिए लगातार प्रयास कर रहे थे। अंततः पिछले सप्ताह के अंत में बैठक का आयोजन हुआ जिसमें दशहरा महोत्सव पूर्व परंपरा के अनुरूप ही आयोजित किये जाने का निर्णय ले लिया गया।
इस निर्णय के बाद कल 12 सितंबर को मैनेजमेंट के वरिष्ठ अधिकारियों एच पी सिंह,शकील सिद्दीकी, राजीव कुमार ,दीनानाथ शुक्ला सहित इंटक अध्यक्ष अनिल मौर्या, राकेश तिवारी,के के तिवारी,छोटे लाल पटेल,मजदूर संघ अध्यक्ष अनुराग द्विवेदी आदि की उपस्थिति में पुतला निर्माण के लिए विधिवत पूजा अर्चना की गई। इसके साथ ही रामलीला मैदान में विशाल पुतले का निर्माण भी शुरू हो गया है।