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Bajra Ki Roti: झांसी की रानी के शौर्य गााथा से प्रेरि‍त होकर नाम रखा मनु, दादी बोलीं-बाजरे की रोटी व दही है मनु की पसंद

Bajra Ki Roti: झांसी की रानी के शौर्य गााथा से प्रेरि‍त होकर नाम रखा मनु, दादी बोलीं-बाजरे की रोटी व दही है मनु की पसंद

Bajra Ki Roti: झांसी की रानी के शौर्य गााथा से प्रेरि‍त होकर नाम रखा मनु, दादी बोलीं-बाजरे की रोटी व दही मनु की पसंद है। मनु भाकर की उपलब्धि पर खुशी व्यक्त करते हुए दादी दयाकौर ने बताया कि उन्होंने झांसी की रानी के बारे में खूब सुना था और उनका बचपन का नाम भी मनु था। उसी से प्रभावित होकर उन्होंने इसका नाम मनु स्वयं रखा था।

उन्होंने कहा कि उसके जन्म पर उन्होंने देसी घी का हलवा बनाकर पड़ोस में भी बांटा था। मनु भाकर के पैतृक गांव में लौटने पर वह देसी घी के लड्डू बाटेंगी। मनु भाकर के ताऊ बलजीत सिंह ने बताया कि मनु बचपन से ही प्रतिभावान रही हैं।

वह ताइक्वांडो में भी नेशनल स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेती रही हैं। मनु भाकर की बचपन की फोटो दिखाते हुए उन्होंने कहा कि मनु को जब भी देखने की याद आती है तो फोटो को देख लेते और फिर से याद ताजा हो जाती हैं।

बाजरे की रोटी व दही मनु को पसंद

मनु भाकर की ताई निर्मला ने बताया कि मनु को बचपन से ही बाजरे की रोटी व दही बड़ी अच्छी लगती है। उन्होंने कहा कि लाल मिर्च भी उनकी पसंदीदा है। वह जब भी अपने पैतृक गांव आती है तो बाजरे की रोटी, दही और लाल मिर्च का खाना नहीं भूलती।

घर में भगवत गीता के श्लोक सुनाकर मनु को देती हैं साहस

अन्य खेलों की अपेक्षा शूटिंग जैसे खेल के लिए अधिक एकाग्रता की जरूरत होती है। ऐसे में कई बार निशाने ठीक न लगने पर तनाव हो जाता है।

मनु भाकर की मां सुमेधा भाकर का कहना है कि तनाव दूर करने के लिए सुबह और शाम को घर में गीता के श्लोक बजते रहते हैं। यही बात मनु ने ओलंपिक में पहला पदक जीतने के बाद कही थी कि मनोबल और एकाग्रता के लिए मनु गीता के श्लोक याद करती हैं।

सुमेधा बताती हैं कि मनु खेल के साथ पढ़ाई में भी अव्वल हैं। अपने लक्ष्य से इतर वह किसी और चीजों में ध्यान नहीं देती हैं। सुबह और शाम वह प्रैक्टिस करती हैं, साथ ही सुबह एक्सरसाइज करती हैं। एकाग्रता के लिए योग और ध्यान भी प्रतिदिन करती हैं।

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