अमेरिका-इजराइल की मिलीभगत, ईरान पर बढ़ा दबाव; वैश्विक स्तर पर ईरान को अलग-थलग करने की कोशिश

अमेरिका-इजराइल की मिलीभगत, ईरान पर बढ़ा दबाव; वैश्विक स्तर पर ईरान को अलग-थलग करने की कोशिश ईरान पर इजराइल हमले के दो दिन बाद हुई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में अमेरिका ने ईरान को सीधी धमकी दी है. 15 सदस्य देशों की काउंसिल के सामने अमेरिका ने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा इजराइल पर किसी भी आक्रमण के बुरे परिणाम होंगे. इजराइल ने इस हमले को ईरान के 1 अक्टूबर के हमले का जवाब बताया है, जिसमें इजराइल पर लगभग 200 मिसाइलों से हमला किया गया था।
अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने कहा, हम आत्मरक्षा के लिए कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेंगे, कोई भ्रम न रहे. अमेरिका आगे और तनाव नहीं देखना चाहता है, हमारा मानना है कि इस समय इजराइल और ईरान के बीच प्रत्यक्ष लड़ाई का खात्मा होना चाहिए.
ईरान ने लगाए आरोप
ईरान के UN राजदूत आमिर सईद इरावानी ने वाशिंगटन पर इजराइल को सैन्य मदद के जरिए गाजा में नरसंहार और ईरान पर हमले में सहयोग करने का आरोप लगाया है. अमेरिका ने पिछले साल 7 अक्टूबर के बाद से अरबों डॉलर की सैन्य सहायता इजराइल को दी है.
आमिर ने काउंसिल को बताया, ईरान ने लगातार कूटनीति तरीके से तनाव को कम करने की कोशिश की है. हालांकि, एक संप्रभु राज्य के रूप में ईरान इस आक्रामक हमलों का जवाब देने के लिए अपने अधिकार को सुरक्षित रखता है।
ईरान पर लगे और प्रतिबंध-इजराइल
इजराइल के UN राजदूत डैनी डैनन ने सुरक्षा परिषद से ईरान के सैन्य और आर्थिक बुनियादी ढांचे कमजोर करने के लिए और प्रतिबंध लगाने और परमाणु क्षमता हासिल करने से रोकने की अपील की. उन्होंने ईरान पर इजराइल के हमलों को जवाबी और सही बताया. साथ ही कहा कि इजराइल अपनी रक्षा करना जारी रखेगा. डैनन ने UN से कहा कि आगे की किसी भी आक्रामकता का परिणाम तेज और निर्णायक होगा, हालांकि उन्होंने साफ किया कि इजराइल युद्ध नहीं चाहता है.
रूस और चीन ने की शांति की मांग
चीन ने गाजा में लोगों के नरसंहार और लेबनान से इजराइली आक्रमण को रोकने का आह्वान किया. वहीं रूस ने भी अमेरिका के इजराइल को लगातार समर्थन देने पर सवाल खड़े किए हैं।
अमेरिका-इजराइल की मिलीभगत, ईरान पर बढ़ा दबाव; वैश्विक स्तर पर ईरान को अलग-थलग करने की कोशिश