कटनी। रेलवे में सालों से चली आ रही पेटी व्यवस्था को हटाने का विरोध शुरू हो गया है। इस व्यवस्था को बहाल करने के लिए ट्रेन मैनेजर (गार्ड) ने आज एक दिन दिन की हड़ताल की।
कटनी में तैनात ट्रेन मैनेजरों का कहना है कि हड़ताल के दौरान यात्रियों को किसी भी हाल में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। हड़ताल को लेकर रेलवे कर्मचारी जगह-जगह पोस्टर लगा रहे हैं। साथ ही सोशल मीडिया पर भी इसको लेकर व्यापक रूप से अभियान चलाया रेलवे द्वारा हाल ही में ट्रेन मैनेजर (गार्ड) के साथ जाने वाली पेटी को हटाने का निर्णय लिया गया है।
रेलवे अब ट्रेन मैनेजरों को ट्रॉली बैग देने जा रही है। अब यह यात्रियों को नहीं होने देंगे परेशान ट्रॉली बैग ट्रेन मैनेजरों को खुद ही घसीटना होगा। रेलवे के इस निर्णय को लेकर ट्रेन मैनेजर भारी आक्रोश में हैं। अभी तक गार्ड कोच (ब्रेकवान) तक पेटी पहुंचाने का काम प्राइवेट कर्मचारियों के पास था। इसे उठाने में दो कर्मचारी लगते हैं। नए आदेश के तहत आने वाले दिनों में ट्रेन मैनेजर को कुली बनकर ट्रॉली बैग घसीटना होगा।
रेलवे के ट्रेन मैनेजरों का कहना है कि पेटी में रेलवे की सुरक्षा से जुड़ा काफी सामान होता है। यह पेटी काफी भारी भी होती है। ऑल इंडिया गार्ड्स काउंसिल के नेतृत्व में लाइन बॉक्स हटाए जाने के विरोध में ट्रेन मैनेजर 11 सितंबर को हड़ताल की गयी ।
इस दौरान ट्रेन मैनेजर गार्ड लॉबी के बाहर सुबह 10 से शाम 5 बजे तक धरना दिया और रेलवे प्रशासन के निर्णय के खिलाफ नारेबाजी की । रहे रेलवे स्टेशन रेल मैनेजर तैनात हैं। इनमें मालगाड़ी, पैसेंजर और मेल ट्रेनों के मैनेजर शामिल है।
रेलवे के जानकारों का कहना है कि गार्ड की पेटी उठाने का
काम पहले रेलवे के खल्लासियों के पास था। इसके बाद यह काम ठेके पर दे दिया। आने वाले दिनों में कई कर्मचारी बेरोजगार भी हो जाएंगे। गार्ड मालगाड़ियों के ब्रेकवान में ट्रेन मैनेजर के बैठने के लिए चेयर तक नहीं होती। ब्रेकवान में सवार होने के बाद ट्रेन मैनेजर पेटी को ही चेयर बना लेता है। ट्रेन मैनेजर पेटी पर बैठकर ही अपने सारे काम निपटाता रहता है। कहना है कि सितंबर को होने वाली हड़ताल के दौरान यात्रियों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। हड़ताल के दौरान सभी ट्रेनें
सुचारू रूप से चलाई जाएंगी। यदि अचानक किसी ट्रेन मैनेजर की जरूरत ट्रेन को चलाने के लिए पड़ती है तो वह हड़ताल छोड़कर चला जाएगा।