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सीसीटीवी कैमरों की फुटेज जांच से सामने आ सकती है गांजा तस्करों को पकडक़र छोडऩे व जप्त गांजा खुर्दबुई करने के मामले की सच्चाई

सीसीटीवी कैमरों की फुटेज जांच से सामने आ सकती है गांजा तस्करों को पकडक़र छोडऩे व जप्त गांजा खुर्दबुई करने के मामले की सच्चा

कटनी(YASHBHARAT.COM)। रंगनाथ नगर थाना अंतर्गत भठ्ठा मोहल्ला में दुर्गा मंदिर के पास स्थित शराब दुकान के पास बीते शुक्रवार व शनिवार की दरम्यानीरात कुछ पुलिसकर्मियों के द्धारा गांजा तस्करों को पकड़ कर छोडऩे तथा उनके पास से बरामद लगभग एक क्ंिवटल प्रतिबंधित गांजा की खेप में से लगभग 70 किलो गांजा खुर्दबुर्द कर केवल बिना आरोपियों के लगभग 30 किलो की जप्ती दर्शाने के मामले की जांच वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्धारा की जा रही है लेकिन जांच का निष्कर्ष सामने नहीं आ रहा है। इस गांजा कांड की शुरूआत शराब दुकान के पास से ही हुई और मुड़वारा स्टेशन, कचहरी चौक और मुख्य स्टेशन के पास भी इसकी शूटिंग की गई है। इसलिए जांच का मुख्य बिंदु इन सभी जगह लगे सीसीटीवी कैमरों की हैं। जिनको देखने के बाद सच्चाई सामने आ सकती है। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से यह भी साफ हो जाएगा कि कोई पुलिसकर्मियों को बदनाम करने हवा उड़ा रहा है या फिर सही में ऐसा किया गया है। सूत्रों की माने तो गांजा तस्करी में शामिल युवक संख्या में पांच थे। जिसमें से एक तो प्रारंभिक जांच के दौरान ही पुलिसकर्मियों को चकमा देकर शराब दुकान के पास से ही मुड़वारा स्टेशन होते हुए भाग गया। अब बचे चार युवक, जिनकों पुलिसकर्मी कचहरी चौक स्थित पुराने कचहरी परिसर स्थित एक पुलिसकर्मी के कमरे में भी लेकर गए। सूत्रों ने बताया कि रंगनाथ नगर पुलिस के द्धारा थाने के अलावा भी कहीं एक कमरा आरोपियों से पूछताछ के लिए लेकर रखा है तथा इस कमरे की चाबी भी कार्रवाई में शामिल पुलिसकर्मियों के पास थी। इसलिए आरोपियों को इस कमरे में भी कुछ देर डील करने के लिए रखा गया। बात 10 लाख से शुरू हुई और फिर यह तय हुआ कि खुर्दबुर्द किया जा रहा लगभग 70 किलो गांजा ही 6 से 7 लाख है। इसलिए 30 किलो गांजा की जप्ती बिना आरोपियों के मिलने की जानकारी थाना प्रभारी व दूसरे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को दी गई। सूत्रों ने बताया कि डील फायनल होने के बाद आरोपियों को बकायदा मुख्य स्टेशन ले जाकर वहां से ट्रेन में भी बैठाया गया। इसलिए इस पूरे मामले की जांच जहां-जहां शूटिंग हुई है, वहां के लगे सरकारी व निजी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज जांच से ही सब कुछ साफ हो जाएगा क्योंकि यशभारत डॉट काम के पास भी एक फोटो आई है, जो संभवत: इसी घटनाक्रम से जुड़ी है। इसलिए अब पूरे मामले की जांच वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को कराना चाहिए और सच्चाई भी सामने लाना चाहिए।
नहीं उठा पुलिस अधीक्षक का मोबाइल
इस संबंध में जांच की विस्तृत जानकारी लेने पुलिस अधीक्षक अभिनय विश्वकर्मा को मोबाइल पर संपर्क करने के प्रयास किए गए लेकिन पुलिस अधीक्षक श्रीविश्वकर्मा का मोबाइल नहीं उठा। जिसके कारण मामले के अपडेट की जानकारी नहीं मिल सकी।

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