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आपातकाल के 50 साल: BJP ने मनाया ‘संविधान हत्या दिवस’, दिल्ली की सड़कों पर लगे पोस्टर

आपातकाल के 50 साल: BJP ने मनाया ‘संविधान हत्या दिवस’, दिल्ली की सड़कों पर लगे पोस्टर

आपातकाल के 50 साल: BJP ने मनाया ‘संविधान हत्या दिवस’, दिल्ली की सड़कों पर लगे पोस्टर। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 25 जून 1975 को लागू हुए आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ को “संविधान हत्या दिवस” के रूप में मना रही है. राजधानी दिल्ली की सड़कों पर आपातकाल के कई बैनर पोस्टर लगाए गए हैं. गृहमंत्री अमित शाह ने आपातकाल को तानाशाही मानसिकता का परिणाम बताया है।

आपातकाल के 50 साल
आपातकाल के 50 साल

भारतीय जनता पार्टी आज संविधान हत्या दिवस के तौर पर मना रही है. आज 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तरफ से लगाई गई इमरजेंसी के दिन को बीजेपी हर साल आपातकाल दिवस का आयोजन करती रही है. इस बार पार्टी ने इस दिन को संविधान हत्या दिवस नाम दिया है. राजधानी दिल्ली समेत देश भर के कई इलाकों में पोस्टर लगे हुए हैं।

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देश की राजधानी दिल्ली में इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर सड़कों पर पोस्टर लगाए गए हैं, जिसमें बीजेपी इमरजेंसी को ‘संविधान हत्या दिवस’ के तौर पर मनाने जा रही है. पार्टी ने जिला स्तर पर पहले ही गाइडलाइन जारी कर दी है. बीजेपी हर जिले में संविधान हत्या दिवस मनाएगी. बूथ, मंडल, जिला और प्रदेश स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

बीजेपी नेताओं का कहना है कि इन कार्यक्रमों का मकसद है कि नई पीढ़ी को इमरजेंसी के काले अध्याय से अवगत कराना और उन्हें बताया जाए कि कैसे आम लोगों के अधिकार छीन लिए गए थे. आज कई जगहों पर प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जाएगा।

इमरजेंसी तानाशाही मानसिकता- शाह

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक दिन पहले ही कहा था कि आपातकाल परिस्थिति और मजबूरी की नहीं बल्कि तानाशाही मानसिकता और सत्ता की भूख की उपज होता है. शाह ने यह भी कहा कि 25 जून सभी को याद दिलाता है कि कांग्रेस सत्ता के लिए किस हद तक जा सकती है।

शाह ने कहा कि 24 जून, 1975 स्वतंत्र भारत की सबसे लंबी रात थी, क्योंकि इसकी सुबह 21 महीने बाद आई. वहीं, ये सबसे छोटी रात भी इसलिए थी क्योंकि जिस संविधान को बनाने में दो साल और 11 महीने से ज्यादा समय लगा था, उसे किचन कैबिनेट ने एक पल में निरस्त कर दिया था. अगर आपातकाल की याद धुंधली हुई तो यह देश के लिए खतरनाक है. मेरे गांव से ही 184 लोगों को जेल भेजा गया था. मैं उस दिन और उन दृश्यों को मरते दम तक नहीं भूलूंगा।

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