इसी बहाने

हलो, हलो में कट रही जिंदगी

इसी बहाने(आशीष शुक्‍ला)। आज से कुछ साल पहले फोन पर हलो की आवाज बेहद कर्णप्रिय हुआ करती थी अब यही आवाज दिन भर की परेशानी बन गई है। हलो ,हलो करते सारी जिंदगी ही खत्म हुई जा रही है। किसी भी सार्वजनिक स्थान हो घर हो या फिर दफ्तर ये हेलो की आवाज आपके कानों तक जरूर पड़ेगी। हेलो कहने वालों की भी अलग-अलग स्टाइल है।

कुछ तो हेलो यूँ कहते हैं जैसे मानों वह अहसान कर रहे हों कुछ बेहद आवाक होकर हेलो का आगाज करते हैं जैसे वह इस फोन का बरसों से इंतजार कर रहे थे। कुछ ऐसे भी है जिनकी हेलो में सन्तुष्टि का भाव नजर आता है तो कुछ की हेलो में पूर्ण सन्तुष्टि नजर आती है। उनकी भी कमी नहीं जो सोते-सोते से हेलो बोलते हैं इनकी हेलो की आवाज सुनकर सामने सुनने वाले को भी नींद का झोंका आने लगता है।

उनकी हेलो भी बेहद अजीब होती है जो जिसे सुनकर समझ ही नहीं आता कि यह आखिर बोल क्या रहे हैं। मोबाइल के इस युग में दुनिया का प्रतिदिन बोले जाने वाले शब्द का आंकड़ा जुटाया जाए तो पक्का है कि हेलो ही बाजी मारेगा। वैसे कुछ लोग अब हेलो से कुछ दूरी भी बना रहे हैं । ये लोग हां शब्द से ही समझा देते हैं कि वह हेलो के प्रेमी नहीं है। दिन भर हलो सुनकर मन हैलो-हैलो सा हो जाता है।

हलो को लेकर तमाम हिन्दू संगठनों ने तो स्लोगन भी बना डाले पर यह प्रभावी नहीं हो सके। हलो का यह शब्द आज दुनिया का ऐसा शब्द है जो विश्व में सर्वमान्य ही है। अब तक तो इस दो ढाई अक्षर ही प्रेम के सुने जाते थे अब दो अक्षर हलो ने इसका स्थान हासिल कर लिया है। सिर्फ प्रेम ही क्यों किसी भी मामले में हलो पीछे नहीं। कोई प्रेम भी प्रगट करना हो तो इसकी शुरुआत हलो से ही होती है।

किसी को डांट फटकार भी हलो से आगे बढ़ती है। बात यहीं खत्म नहीं होती फोन पर अपशब्द की शुरुआत के पहले भी लोग सहज भाव से हलो कह देते हैं। तब लगता है कि टेलीफोन से उपजे इस शब्द की की महत्ता मोबाइल ने और भी बढ़ा दी। फोन पर हेलो कहने वालों की स्टाइल अजब गजब होती हैं। कुछ लोग तो अब नाम से कम हलो कहने से ही पहचान लिए जाते हैं कई लोग तो ऐसे भी हैं

जो इस बात को बेहद फक्र से कहते हैं कि हमने तो हलो कहते ही आपको पहचान लिया। विविधताओं वाले इस देश मे भले चार कोस में भाषा बदल जाती हों लेकिन एक हलो ही ऐसा शब्द है जो हर भाषा में एक ही तरह सुनाई पड़ता है। यूँ तो देश में अनपढ़ या कहें अंगूठा छाप लोग भी कुछ हैं

लेकिन ये लोग भी बेहद सहज भाव से हलो कह देते हैं। ग्रामीण परिवेश में रहने वाली कई महिलाओं की टेलीफोन पर बात करने से पहले इस शब्द के उच्चारण को बेहद संजीदगी से लेती हैं। हलो की इस विश्वव्यापी पहचान के बीच दुनिया को जानकारी देने वाली कम्पनी गूगल ने तो हलो असिस्टेंट ही शुरू कर दिया है।

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