श्रेय का संघर्ष जारी, अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट निश्चित

जबलपुर,प्रतिनिधि। प्रोटेक्शन एक्ट चाहे वकीलों के लिए हो या पत्रकारों के लिए हो, इस एक्ट कि जरूरत दोनों समुदायों को नही है। क्यूंकि भारत के आम नागरिक की तरह ही सभी भारतीय दण्ड विधान कि धाराओं-प्रावधानों से सुरक्षित व संरक्षित है। लेकिन हां ये अधिवक्ताओं और पत्रकारों के सुरक्षात्मक सम्मान के लिए आवश्यक है। पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने आंगन से अधिवक्ता पंचायत बुलाकर यह घोषणा की थी कि अधिवक्ताओं की असुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रोटेक्शन एक्ट दिया जायेगा। भाजपा और तात्कालीन घोषणा करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 15 वर्ष तक शासन किया। लेकिन उन्होने इस मुद्दे को लेकर कभी भी चर्चा करने का समय नही निकाला और न ही संघ का नेतृत्व करने वाले उन सभी महानुभावों ने जो काला कोट पहनकर संघ और भाजपा के फरमाबरदार रहे।
हाल की कांग्रेस सरकार ने अधिवक्ताओं की इस बहुप्रतीक्षित मांग को अपने चुनावी वचन पत्र में शामिल किया। राज्यसभा सांसद विवेक $कृष्ण तन्खा ने इस मसौदे को मुख्यमंत्री कमलनाथ जी के समक्ष मजबूती से रखा, जिसके परिणाम स्वरूप सिर्फ छह माह में ही कैबिनेट में यह मुद्दा आ गया। लेकिन अन्य विषयों की अधिकता के कारण कुछ मंत्रियों ने औपचारिक आपत्ति दर्ज कराकर आगामी कैबिनेट में मुद्दे का निराकरण आवश्यक रूप से करने का विचार किया गया।
ये ठीक है कि चन्द मंत्री अधिकवक्ता होते है, शब्दों का चयन उपयुक्त नही होता जिसके कारण मंत्री गोविंद सिंह की भाषा विवाद का कारण बनी। मंत्री गोविंद सिंह का कहना था कि अधिवक्ताओं को तो पहले से ही बहुत अधिकार दिए गए है। ये शब्द और ये ज्ञान अल्प और अनावश्यक ज्ञान का परिणाम है व विरोध लायक है। इसलिए इसका विरोध भी लाजिमी है। लेकिन यहां पर व्यक्तिगत विरोध के बजाए इस बयान के बाद श्रेय लेने की होड़ मचती दिखाई दे रही है, इसमें वे लोग भी शामिल रहे जो विगत पन्द्रह वर्ष से शासन करने वाली सरकार के नुमाइंदों के रूप में शामिल रहे और उस वक्त तक खामोश रहे। लेकिन कमलनाथ सरकार आने के बाद और तन्खा जी के प्रयासों को देखते हुए जब यह निश्चित हो गया कि अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट कांग्रेस सरकार द्वारा लागू कर दिया जायेगा तो इसका श्रेय लेने वाले अब सड़कों पर प्रदर्शन करते दिखाई दे रहे है।
कैबिनेट मंत्री का आया बयान
इस बीच कमलनाथ सरकार में मंत्री जित्तू पटवारी ने अधिवक्ताओं को प्रोटेक् शन एक्ट लागू करने को लेकर आश्वस्त किया है एक वीडियो जारी कर मंत्री पटवारी ने अधिवक्ताओं से किसी भी भ्रम में न आने की बात कहते हुए जानकारी दी है कि वर्तमान प्रोटेक्शन एक्ट अधिवक्ताओं को न केवल न्यायालय परिसन में सुरक्षा प्रदान करेगा बल्कि बाहर भी यह प्रभावी रूप से लागू होगा। पटवारी ने अपने स्वंय के अधिवक्ता होने का हवाला देते हुए सरकार द्वारा अधिवक्ता हित में यह निर्णय शीघ्र ही प्रभावी होने का वचन दिया।
शिवराज सरकार के समय आयोजित अधिवक्ता पंचायत में मेरे द्वारा जिला न्यायालय सचिव के तौर पर शिरकत की गई थी तब हमने जोरशोर से अधिवक्ता प्रोटेक् शन एक्ट की मांग की थी जो भाजपा शासन काल में पूरी नही की गई लेकिन वर्तमान सरकार ने अपने चुनावी वादे में शामिल इस अतिमहत्वपूर्ण विषय को गंभीरता से लिया और उम्मीद की जा रही है कि अगली कैबिनेट बैठक में यह पारित हो जायेगा।
सम्पूर्ण तिवारी, वरिष्ठ अधिवक्ता