मध्यप्रदेश

शिवराज केबिनेट की बैठक में मांझी जाति पर हो सकता है बड़ा फैसला

भोपाल। शिवराज कैबिनेट की आज मंगलवार को होने वाली बैठक में कई अहम प्रस्ताव पर मुहर लगेगी. बैठक में 35 से ज्यादा प्रस्ताव आने हैं लेकिन जिस पर सबसे ज्यादा नजर है वो मांझी जाति के प्रमाण पत्रों को संरक्षण दिए जाने के प्रस्ताव पर है.

दरअसल, राज्य सरकार वोट बैंक की खातिर आदिवासियों को एक और राहत देने जा रही है. इसके तहत मांझी जाति के प्रमाण पत्र सरकारी सेवाओं और शैक्षणिक संस्थानों में मान्य किए जाएंगे. इस प्रस्ताव से जिन जातिओं को फायदा होगा उसमें धीमर, कहार, भोई, केवट, मल्लाह, और निषाद जाति शामिल हैं.

इस जाति की सबसे ज्यादा संख्या सीहोर, रायसेन, होशंगाबाद में है इसके अलावा जबलपुर, कटनी, उमरिया में भी इस जाति के लोग है. सूत्रों की मानें तो आरएसएस के सेवा प्रकल्पों के दौरान ये बात सामने आई थी कि मांझी जाति के केस छानबीन समिति में पहुंचने से आदिवासी वर्ग के कर्मचारियों और लोगों में खासी नाराजगी है.

अभी तक इस मामले से जुड़े सभी केस छानबीन समिति तक पहुंच रहे थे और वहां से ऐसे कर्मचारियों को बर्खास्त करने तक की सिफारिशें की जा रही थीं. लिहाजा माना ये जा रहा है कि चुनाव से पहले आदिवासी वर्ग में पैठ बनाने के लिहाज से सरकार कैबिनेट में ये अहम फैसला लेने जा रही है.

इसके साथ ही कैबिनेट में पिछड़े वर्ग के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को मुफ्त रोजगार प्रशिक्षण योजना, परिवहन विभाग में एआरटीओ के पद सीधी भर्ती से भरे जाने के संबंध में भी चर्चा होगी.

 

पुलिस महकमे में 6250 नए पदों की भर्ती, राष्ट्रीय तिलहन एवं ऑयल पाम मिशन के क्रियान्वयन, हर जिले में ट्रॉमा सेंटर की स्थापना, मंत्रालय के नए भवन के निर्माण में बजट बढ़ाए जाने, अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजना को 2020 तक जारी रखने, क्रीडा परिसर योजना के प्रशासकीय अनुमोदन का प्रस्ताव शामिल है.

इसके अलावा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की रिजर्व बटालियन की स्थापना के लिए सरकारी जमीन आवंटित किए जाने, बालिका छात्रावास के संचालन की योजना को मंजूरी, पर्यटन विभाग में लेखाधिकारी के स्थाई पद की स्वीकृति समेत कई और अहम प्रस्ताव कैबिनेट में चर्चा के लिए शामिल किए गए हैं.

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