ये है संस्कारधानी-अवैध ठिकानों पर सुबह चार बजे से मिलने लगती है दारू

जबलपुर, मुनप्र। गत दिवस अधारताल में कटरा, संजय नगर क्षेत्र में बिकने वाले अवैध शराब के संबंध में शिकायत करने वाले एक आटो चालक को धोखे से बुलाकर न केवल उसपर चाकू और बेसबॉल के डंडे से हमला किया बल्कि तलवार से भी वार किया है। उसका उपचार एक निजी अस्पताल में चल रहा है। इतना ही नहीं अवैध शराब के कारोबारी के गुर्गों ने उसकी आटो में भी तोड़फोड कर दी। हालांकि शिकायत पर दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जबकि बाकी आरोपी अब भी फरार बताये जा रहे है क्यों कि उन्हें आटो चालक पहचानता नहीं था इसलिए उनके नाम उसे पता नहीं थे। ऐसा नहीं है कि अधारताल क्षेत्र में अवैध शराब का एक ही अड्डा चल रहा हो। बरसों से कटरा, संजय नगर और तो और अशोक नगर और रविन्द्र नगर जैसी कालोनी के बीचों बीच भी यह कारोबार धड़ल्ले से जारी है।
आटो चालक मुकेश का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने क्षेत्र में चल रहे इस अवैध कारोबार की शिकायत पुलिस से की थी। अब सवाल यह उठता है कि आखिर आबकारी विभाग क्या कर रहा है। क्या उसे इन ठिकानों की जानकारी नहीं है या जानबूझकर अनजान बना जा रहा है। पुलिस को तो सभी जानते हैं। ऐसे लोगों से इनके दोस्ताना संबंध बहुत जल्द ही स्थापित हो जाते हैं ऐसे में अवैध कारोबार में लिप्त लोगों की शिकायत कौन करेगा। यह सवाल लाजिमी है। आटो चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले मुकेश रजक जो हालत की गयी है उससे कोई भी आम आदमी शिकायत करने शायद ही पुलिस या आबकारी वालों के पास जाए।
बेलबाग की कार्यवाही से जागी थी उम्मीद
शहर के बेलबाग थाना क्षेत्र में पिछले दिनों क्राइम ब्रांच और बेलबाग थाना प्रभारी आौर पुलिस लाईन के कर्मचारियों की संयुक्त टीम ने बेलबाग क्षेत्र में तीन ठिकानों पर छापा मारकर 15 ड्रम लाहन और दो सौ लीटर तैयार शराब जब्त कर नष्ट करवायी थी। इस कार्यवाही से उम्मीद जगी थी कि शायद अब शहर में अवैध शराब के कारोबार में लगे लोगों की शामत आएगी। लेकिन उसके बाद कोई कार्यवाही नहीं हुई। उल्टे अधारताल की यह घटना प्रकाश में आयी है।
गार्डन तक को नहीं बक् श रहे
अधारताल क्षेत्र में अशोक नगर और रविन्द्र नगर कालोनी का एक बड़ा गार्डन जबलपुर विकास प्राधिकरण के स्वामित्व में है। यह इतना बड़ा है कि यदि इसे सलीके से विकसित किया जाए तो एक अच्छा उद्यान क्षेत्रीय जनता के लिए बन सकता है लेकिन इसका दुरुपयोग भी अशोक नगर में अवैध शराब बनाने वाले करने में लगे हैं। शराब बनाकर और लाहन को वे गार्डन के अंदर गाड़कर छिपादेते है और जैसी जरूरत पड़ती है निकालकर उपयोग किया जाता है।
सुबह चार बजे से पहुंचने लगते हैं शराबी
इन अवैध शराब के ठिकानों में सुबह चार बजे से शराब की बिक्री चालू हो जाती है और दूर दूर से लोग गला तर करने इन ठिकानों पर पहुंचने लगते हैं। ऐसे नजारे यदि आबकारी और पुलिस के अधिकारियों को रूबरू देखने हैं तो वे उपरोक्त ठिकानों पर जाकर देख भी सकते हैं। लेकिन आश्चर्य तो इस बात का है कि सब कुछ खुलेआम होने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की जाती।
शायद ही ऑफिस से बाहर निकलता हो आबकारी अमला
कहने को तो शराब के लिए अलग से आबकारी विभाग है। लेकिन लायसेंसी दुकानदार हों या अवैध शराब के कारोबारी सबकी यहां के अधिकारी कर्मचारियों से मिलीभगत ही सामने आ रही है जिसके चलते शायद ही कभी आबकारी विभाग के अधिकारी कर्मचारी अपने बिल से बाहर निकलते हों क्योंकि उनका हिस्सा उन्हें ऑफिस में बैठे बैठे ही पहुुंच जाता है। कुछ दिन पूर्व जरूर आबकारी विभाग ने कुछ अहातों में कार्यवाही कीथी लेकिन उसके बाद सबकुछ पुराने ढर्रे पर चलने लगा।