मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुंबई के तेह डाकयार्ड पहुंचे और उन्होंने स्कॉर्पियन श्रेणी की पनडुब्बी आईएनएस कलवरी को नौसेना को सौंपा। इस दौरान उन्होंने कलवरी के विकास में लगे सभी कर्मचारियों को शुक्रिया और बधाई दी।
पीएम मोदी ने कहा कि कलवरी भारत और फ्रांस के बीच बढ़ते रणनीतिक रिश्ते का सबूत है। इससे देश का दम और बढ़ेगा। नौसेना के बारे में बोलते हुए मोदी ने कहा कि भारतीय नौसेना कभी भी किसी की मदद के पीछे नहीं हटती।
नेपाल में भी भूकंप के दौरान भारतीय नौसेना और वायुसेना ने कमान संभाली थी। इस दौरान रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा, पश्चिम नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग वाइस एडिमरल गिरीश लूथरा और शीर्ष अधिकारी समारोह में मौजूद थे। अधिकारी ने कहा, ‘‘कलवरी का लगभग 120 दिनों के लिए व्यापक समुद्री परीक्षण और विभिन्न उपकरणों का परीक्षण किया गया।’’
उन्होंने बताया कि इससे भारतीय नौसेना की रक्षा क्षमताएं बढ़ने की उम्मीद है। फ्रांस नौसेना और ऊर्जा कंपनी डीसीएनएस ने पनडुब्बी का डिजाइन तैयार किया है और इसे भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट-75 के तहत मुंबई के मंझगांव डॉकयॉर्ड में तैयार किया गया है। कलवरी का नाम खतरनाक टाइगर शार्क के नाम पर रखा गया है। आठ दिसंबर 1967 को पहली पनडुब्बी आईएनएस कलवरी नौसेना में शामिल हुई थी जिसे लगभग तीन दशकों के बाद 31 मई 1996 को सेवा से हटा दिया गया था।