जबलपुर : डोर बैल बजी तो नींद खुली, फांसी पर लटकी मिली मम्मी

जबलपुर। मम्मी ने खाना खाने को कहा और रात 10.30 बजे कहा कि अब जाकर सो जाओ। मैं बेडरूम में जाकर सो गई। कुछ घंटे बाद बार-बार डोर बैल बजी तो नींद खुली। अधखुली आंखों में ही ड्राइंग रूम में आई तो मम्मी फांसी पर लटकी हुई थी। दरवाजे पर रोहित अंकल की आवाज आ रही थी। मैंने दरवाजा खोला तो रोहित अंकल अंदर आए। उन्होंने किचन से चाकू लाकर चुन्नी काटी और मम्मी को नीचे उतारा।
इसके बाद फ्लैट में रहने वाले लोगों को बुलाया और पुलिस को सूचना दी। यह बताते हुए सिंडिकेट बैंक की मैनेजर रीशु तिवारी (36) की 10 वर्षीय बेटी अवनी तिवारी चुप हो जाती है। सदमे के कारण वह पुलिस को इससे ज्यादा कुछ नहीं बता पाई। घर की तलाशी में पुलिस को अवनी की कॉपी में एक सुसाइड नोट मिला। उसमें रीशु ने पेंसिल से लिखा है कि मेरी मौत का कोई जिम्मेदार नहीं है। नीचे उसका नाम और तारीख 31/10/18 लिखी है। पुलिस ने कॉपी, मोबाइल, टैबलेट जब्त किया है। इसके बाद कमरे को सील कर दिया गया।
इसके अलावा पुलिस ने फ्लैट से सिगरेट का डिब्बा, लाइटर, तीन खाली बीयर की टीन, स्टील के गिलास में पांच बुझी हुई सिगरेट, तीन सिगरेट व अन्य सामान जब्त किया है। बताया जा रहा है कि सबसिडी में धोखाधड़ी को लेकर रीशु के खिलाफ शिकायत हुई थी जिसकी बैंक प्रबंधन जांच कर रहा था और इसी के चलते दूसरी ब्रांच में उसका ट्रांसफर हुआ था। इसी के चलते वह तनाव में भी थीं। हालांकि, पुलिस यह जांच कर रही है कि सुसाइड की वजह जांच का तनाव था या किसी अन्य कारण से यह कदम उठाया।
बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात पुलिस को गोरखपुर-भैंसासुर रोड स्थित साकार सनराइज अपार्टमेंट की प्रथम मंजिल में रहने वाली रीशु तिवारी की आत्महत्या की सूचना मिली थी। वह सिंडिकेट बैंक की खोवामंडी शाखा में मैनेजर थीं। बुधवार की रात लगभग 2 बजे ग्वारीघाट आयडियल स्टेट निवासी रोहित नवश्री ने पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने बताया कि रीशु यहां अपनी बेटी के साथ रहती थी।
रीशु कुछ दिनों से तनाव में थी। इसलिए पारिवारिक पहचान के कारण रोहित रोज रात को फोन करके उससे हालचाल पूछता था। बुधवार रात को 11.30 बजे भी उसने फोन किया लेकिन जब लगातार फोन नहीं उठा तो सवा एक बजे रीशु के फ्लैट पहुंचा। उसने दरवाजा खटखटाते हुए घंटी बजाई। लगभग 15 मिनट बाद अवनी ने दरवाजा खोला तो रीशु को फांसी पर लटका हुआ पाया।
सबसिडी में धोखाधड़ी, चल रही थी इंक्वायरी, तबादला भी हुआ
रीशु का जून 2018 में भोपाल से सिंडिकेट बैंक की मेडिकल शाखा में तबादला हुआ। कुछ महीने पहले रीशू जब मेडिकल ब्रांच में थी तो सबसिडी मामले में घोखाधड़ी की शिकायत हुई। तिलवारा थाने में केस भी दर्ज हुआ। इसी मामले में रीशू की इंक्वायरी भी चल रही थी और बैंक ने उससे स्पष्टीकरण भी मांगा था। जांच के दौरान 15 दिन पहले ही उसका ट्रांसफर कर दिया गया था।
पति से अनबन, इसी के चलते भोपाल से जबलपुर आई
रीशू के पति ललित तिवारी भोपाल में एक निजी कंपनी में सेल्स एक्जीक्यूटिव हैं। उसकी पति से अनबन चल रही थी। इसके चलते उसने जबलपुर ट्रांसफर ले लिया था। बेटी अवनी अपनी मां रीशु के साथ ही रहती थी। वह एक निजी स्कूल में पढ़ रही है।
गुना से आए माता पिता, कॉल डिटेल की जांच करने की मांग
रीशू के परिजन गुना जिले के आरोन में रहते हैं। उन्हें रोहित ने सूचना दी। गुरुवार सुबह उसके पिता एनपी तिवारी, मां तुलसी, भाभी कविता और भाई योगेश शहर पहुंच गए। उन्होंने मोबाइल की कॉल डिटेल की जांच करने की मांग की है। एनपी तिवारी ने बताया कि रीशू से बुधवार रात लगभग 10.30 बजे फोन पर बात हुई थी लेकिन उसने कोई भी परेशानी जैसी कोई बात नहीं बताई। पोस्टमार्टम के बाद परिजन रीशु का शव अंतिम संस्कार के लिए गुना ले गए।