चंद्रमा के फेरे लगाते चंद्रयान-2 का एक साल पूरा, 22 जुलाई 2019 को हुआ था लॉन्च

Chandrayan: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक बयान जारी करके बताया कि चंद्रमा की सतह पर रोवर को ले जाने वाले लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग तो नहीं हो पाई थी, लेकिन आठ वैज्ञानिक उपकरणों से सुसज्जित यह अंतरिक्ष यान सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा था और यान के आर्बिटर ने इस एक साल की अवधि में चंद्रमा के चार हजार से अधिक फेरे लगाए हैं।
चंद्रयान-2 अभी तक सही तरह से काम कर रहा है और इसके हाई रेज्युलूशन कैमरों समेत सभी उपकरण अपना काम सही तरीके से कर रहे हैं। चंद्रयान-2 का अभियान चंद्रमा की सतह की प्रकृति, खनिज विज्ञान और रासायनिक समीकरणों के गहन अध्ययन के लिए भेजा गया था।
इस बीच इसरो के प्रमुख के.सिवन ने कहा कि अंतरिक्ष के क्षेत्र में सुधारवादी कदम उठाने का यह मतलब नहीं है कि इसरो का निजीकरण किया जा रहा है। बल्कि यह भागीदारी का विशेष आग्रह है। सिवन ने एक वर्चुअल कांफ्रेंस में कहा कि हम हमारे सौरमंडल के आंतरिक रूप को परिभाषित करेंगे।