
लखनऊ। मध्यप्रदेश और राजस्थान में बसपा के साथ गठबंधन करके भाजपा को चुनौती देने की कांग्रेस की मंशाओं पर पानी फिर गया है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को साफ कर दिया कि इन दोनों राज्यों में भी बसपा अपने बूते चुनाव लड़ेगी। इससे पहले छत्तीसगढ़ में भी बसपा ने कांग्रेस को छोड़कर पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ से हाथ मिला लिया है।
दिग्विजय सिंह को कोसा, बताया भाजपा का एजेंट
बहुजन समाजवादी पार्टी की मुखिया मायावती ने बुधवार को कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह पर जमकर निशाना साधा। मायावती ने कहा कि दिग्विजय सिंह जैसे कांग्रेस नेता यह गठबंधन नहीं चाहते। वो ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियों से डरते हैं। दिग्विजय तो वैसे भी भाजपा के एजेंट हैं। वो कहते हैं कि मैं केंद्र सरकार के दबाव में हूं। ये आधारहीन आरोप हैं। मुझे लगता है कि सोनिया और राहुल गांधी कांग्रेस-बसपा गठबंधन को लेकर ईमानदार हैं। लेकिन, कांग्रेस के कुछ नेता उनके प्रयासों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। बसपा राजस्थान और मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ेंगी। कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा।
मायावती ने यह भी कहा कि वे (कांग्रेस) घमंडी हो रहे हैं और उन्हें गलत धारणा है कि वे अकेले ही भाजपा को पराजित कर सकते हैं, लेकिन जमीन की वास्तविकता यह है कि लोगों ने कांग्रेस की पार्टी को उनकी गलतियों और भ्रष्टाचार के लिए माफ नहीं किया है। वे खुद को सुधारने के लिए तैयार नहीं हैं।
दरअसल, दिग्विजय सिंह ने बयान दिया था कि बसपा मध्य प्रदेश चुनाव में कांग्रेस से इसलिए गठबंधन नहीं करना चाहती क्योंकि मायावती सीबीआई से डरती है। जिसका जवाब आज मायावती ने दिया।