कचरे के ढेर पर बैठा शहर, नहीं सुनाई दी आवाज-आ गई कचरा गाड़ी…आ गई

कटनी। आ गई…आ गई..कचरा गाड़ी आ गई, यह आवाज पिछले तीन दिनों से शहर में सुनने को नहीं मिल रही है। कारण एम एस डब्ल्यू के कर्मचारियों की हड़ताल।
वेतन नहीं मिलने के कारण एम एस डब्ल्यू के कर्मचारी पिछले तीन दिनों से हड़ताल पर है। जिससे पूरे शहर में कचरे का अंबार लग गया है। हड़ताल के चलते शहर के चौराहे हों या गलियां या फिर अंदरूनी सड़कें, सभी जगह कचरे के ढेर लग गए हैं लेकिन एम एस डब्ल्यू के कर्मचारियों की हड़ताल के चलते न तो कचरा उठ रहा है और न ही सफाई हो पा रही है।
ऐसे में स्वच्छता के मामले में नंवर वन बनने का सपना देख रहे कटनी नगर निगम के प्रयासों को झटका लग सकता है। हड़ताल के चलते शहर की सफाई व्यवस्था पटरी से उतर गई है। इसके बावजूद न तो नगर निगम के जनप्रतिनिधियों और न ही प्रशासन द्वारा इस ओर कोई ध्यान दिया जा रहा है। कुछ दिन पहले ही राजधानी भोपाल से आई स्वच्छता टीम ने शहर का निरीक्षणर किया था और टीम के वापस लौटते ही एम एस डब्ल्यू के कर्मचारियों की हड़ताल शुरू हो गई।
कर्मचारियों का कहना है कि एम एस डब्ल्यू को नगर निगम से हर माह लाखों रूपए का भुगतान हो रहा है लेकिन एम एस डब्ल्यू द्वारा कर्मचारियों को वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक कुछ दिन पूर्व ही नगर निगम प्रशासन द्वारा एम एस डब्ल्यू को नगर निगम मद से लाखों रूपए का भुगतान किया गया है। गौरतलब है कि एम एस डब्ल्यू के कर्मचारियों ने कुछ समय पहले भी वेतन नहीं मिलने को लेकर हड़ताल की थी।
हड़ताल के चलते उस समय महापौर शशांक श्रीवास्तव ने वेतन का भुगतान समय पर कराए जाने का आश्वासन दिया था लेकिन इसके बावजूद एक बार फिर कंपनी द्वारा कर्मचारियों को वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। जिससे सफाई व्यवस्था का कबाड़ा हो गया है।
नगर निगम द्वारा नियुक्त सफई कर्मचारियों द्वारा वार्डों और सड़कों में झाडू तो लगाई जा रही है लेकिन कचरा नहीं उठाया जा रहा है। सफाई कर्मचारियों का कहना है कि कचरा उठाने की जिम्मेदारी एम एस डब्ल्यू की है। उधर एम एस डब्ल्यू के कर्मचारियों का कहना है कि वे इस बार आर पार की लड़ने को तैयार है और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती है, तब तक वे हड़ताल जारी रखेंगे।
फिर जनता से क्यों वसूल रहे 360 रूपए
नगर निगम द्वारा घर-घर कचरा संग्रहण को लेकर शहर के लोगों से 360 रूपए प्रतिवर्ष की दर से वसूल किया जा रहा है लेकिन जब पिछले तीन दिनों से घरों तक कचरा गाड़ी नहीं पहुंच रही है और लोगों से कचरा संग्रहण का कार्य नहीं हो रहा है, तब जनता से 360 रूपए क्यों वसूले जा रहे हैं। गौरतलब है कि इस राशि से एम एस डब्ल्यू को ही भुगतान किया जाना है। नागरिकों ने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाते हुए पूछा है कि 360 रूपए वसूलने के बाद भी यदि घरों तक कचरा गाड़ी नहीं आ रही है तो क्या नगर निगम नागरिकों से लिए गए रूपए वापस लौटाएगा।